हरियाणा के फरीदाबाद नगर निगम में करोड़ों रुपए के घोटाले से जुड़े मामले में प्रदेश सरकार ने बड़ी कार्रवाई की है। सरकार ने एक सीनियर सहित 9 ऑडिटर्स को सस्पेंड कर दिया है। इनमें 2 वर्तमान में रेवाड़ी नगर परिषद और इंदिरा गांधी यूनिवर्सिटी में कार्यरत थे। करोड़ों रुपए का यह घोटाला पिछले साल ही सामने आया था।
दरअसल, फरीदाबाद नगर निगम में वर्ष 2017 से 2019 के बीच सड़कों से लेकर अन्य कार्यों में करोड़ों रुपए का घोटाला हुआ। इसकी जब परतें उधड़ने लगीं तो पता चला कि मौके पर कोई काम ही नहीं हुआ। वर्ष 2020 में घोटाले को निवर्तमान पार्षद दीपक, महेंद्र सरपंच, सुरेंद्र अग्रवाल सहित अन्य ने नगर निगम प्रशासन को शिकायत देकर उजागर किया था। इन्होंने आरोप लगाया कि वार्डो में बगैर किसी विकास कार्य के ही करोड़ों रुपए की राशि मिलीभगत कर ठेकेदार को दे दी। घोटाला 50 करोड़ रुपए से भी ज्यादा का बताया गया।
ये ऑडिटर्स हुए सस्पेंड
शिकायत के बाद सरकार हरकत में आई और फिर विजिलेंस ने मामले की जांच शुरू की। इसके बाद स्टेट विजिलेंस ब्यूरो ने ठेकेदार को गिरफ्तार भी कर लिया। साथ ही 6 लोगों पर एफआईआर दर्ज कराई। अब इस मामले में वित्त विभाग ने उस वक्त नगर निगम में कार्यरत एक सीनियर सहित 9 ऑडिटर्स को सस्पेंड कर दिया है। सस्पेंड हुए ऑडिटरों में सुनील कुमार रेवाड़ी नगर परिषद और आकाश लाल फिलहाल रेवाड़ी स्थित इंदिरा गांधी यूनिवर्सिटी में बतौर ऑडिटर कार्यरत थे।
वहीं, पंचकूला हेड ऑफिस में कार्यरत सीनियर ऑडिटर नवीन कुमार, फरीदाबाद नगर निगम में कार्यरत अखिलेश्वर, दिलबाग सिंह, अमित, राजेंद्र सिंह, अशोक कुमार, जेरिना को सस्पेंड किया है। ये सभी वर्ष 2017 से 2019 के बीच फरीदाबाद नगर निगम में बतौर ऑडिटर कार्यरत रहे।