
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बहादुरगढ़। शहर में दम घुटने से मौत का सिलसिला रुकने का नाम नहीं ले रहा। रोहद गांव में भी एक व्यक्ति की दम घुटने से मौत का मामला सामने आया है। मृतक ने ठंड से बचने के लिए कमरे में लकड़ियां जलाई थी और उसके बाद सो गया था। बीती शाम उसका शव कमरे से बरामद हुआ है।
मृतक की पहचान उत्तर प्रदेश के सुल्तानपुर निवासी अनुराग के रूप में हुई है। मृतक बहादुरगढ़ की एक फैक्ट्री में मशीन ऑपरेटर के पद पर काम करता था। बताया जा रहा है कि मंगलवार शाम को वह खाना खाकर सर्दी से बचने के लिए कमरे में आग जला कर लेटा हुआ था। इस बीच उसकी आंख लग गई। देर रात दम घुटने की वजह से उसकी मौत हो गई। बुधवार शाम तक भी जब वह अपने कमरे से बाहर नहीं निकला तो आसपास के लोगों ने कमरा खोल कर देखा। उसका शव जमीन पर पड़ा हुआ मिला। घटना की सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए बहादुरगढ़ के सामान्य अस्पताल भिजवाया गया।
पुलिस कई पहलुओं को ध्यान में रखकर इस मामले की जांच कर रही हैं। पुलिस का कहना है कि मौत के असली कारणों का पता तो पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद चल सकेगा। आरंभिक तौर पर यह मामला आग की वजह से दम घुट कर मरने का प्रतीत हो रहा है।
इससे पहले बहादुरगढ़ की एचएसआईआईडीसी में काम करने वाले तीन मजदूरों की भी दम घुटने से मौत हो गई थी। तीनों मजदूर काम करने के बाद घर लौटे और रात को सोते समय लड़कियां जलाकर खिड़कियां बंद कर ली। इस वजह से कमरे में घुटन होने लगी और तीनों ने दम तोड़ दिया। मृतकों की पहचान मुनेश, कल्लू और सैफिजुल मेहेना के रूप में हुई थी। मुनेश और कल्लू उत्तराखंड के हरिद्वार जिले के मुंडा खेड़ा गांव के रहने वाले थे, तो वहीं सैफिजुल मेहेना पश्चिम बंगाल के बीरभूम जिले का रहने वाला था।
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