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मंत्री ने महिला ग्राम सचिव को सस्पेंड करने का दिया निर्देश, डेढ़ वर्ष पूर्व दिया था टीन शेड बनाने का आदेश

Admin Delhi 1
1 Aug 2022 2:05 PM GMT
मंत्री ने महिला ग्राम सचिव को सस्पेंड करने का दिया निर्देश, डेढ़ वर्ष पूर्व दिया था टीन शेड बनाने का आदेश
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रेवाड़ी न्यूज़: करीरा निवासी ठेकेदार कृष्ण कुमार ने राजपुरा खालसा में करीब डेढ़ वर्ष पूर्व टीन शेड डलवाया था। अभी तक ठेकेदार इस बात को साबित नहीं कर पाया है कि उसने टीन शेड का निर्माण कराने के लिए किस टेंडर प्रक्रिया का पालन किया। वह हाथ धोकर पंचायत विभाग के पीछे पेमेंट पाने के लिए पड़ा हुआ है। पंचायत विभाग के अधिकारी यह समझ नहीं पा रहे कि आखिर ठेकेदार ने बिना टेंडर की प्रक्रिया पूरी किए टीन शेड किसकी अनुमति से बनवाया। वह पेमेंट के लिए लगातार पंचायत विभाग के पास चक्कर लगा रहा है। विभाग अभी तक यह तय नहीं कर पाया है कि आखिर ठेकेदार ने किस मद के तहत टीन शेड लगवाया था। बीडीपीओ से लेकर डीडीपीओ तक चक्कर लगाने के बाद उसने परिवेदना समिति की बैठक में परिवाद रखा, तो बैठक की अध्यक्षता कर रहे सामाजिक अधिकारिता मंत्री ओपी यादव ने महिला ग्राम सचिव के सिर पर ठीकरा फोड़ते हुए उसके निलंबन के निर्देश जारी कर दिए। इस बैठक में भी पूर्व की तरह परिवाद नए-पुराने करने की औपचारिकताओं को पूरा कर दिया गया, जबकि प्रशासन ने 19 में से 11 परिवादों का मौके पर ही निपटारा करने का दावा किया है।

केएलपी कॉलेज के सभागार में सोमवार को परिवेदना समिति की बैठक में एक बार फिर मूल समस्याओं को लेकर कई बैठकों के चक्कर लगा चुके परिवादियों को अगली बैठक की तारीख दे दी गई। हालांकि मंत्री ने एक ही परिवाद के पांच-पांच की बैठकों में आने के बावजूद समाधान नहीं होने पर अधिकारियों को फटकार लगाई, परंतु फटकार भी परिवेदना समिति की बैठकों को अभिन्न हिस्सा बन चुकी है। मंत्री हर बैठक में अधिकारियों को लोगों की समस्याओं का जल्द समाधान देने का मंत्र देते हैं। अधिकारी अगली बैठक तक इन मंत्रों का जाप करते हुए बिना समाधान भी मंत्री के समक्ष ठोस बहाना प्रस्तुत करने का रास्ता तलाश लेते हैं।

पुराने परिवाद नई बैठक के लिए लंबित: इस बैठक कुल 19 परिवाद सुनवाई के लिए मंत्री की टेबल पर प्रस्तुत किए गए थे। इनमें 9 परिवाद ऐसे हैं, जो की बैठकों में भी शामिल रहे हैं। अधिकांश परिवाद गांवों में अवैध कब्जों को लेकर रहे, जिन्हें हटवाने के निर्देश जारी कर दिए गए। जो विवाद काफी समय से लंबित हैं, उन्हें अगली बैठक के लिए संजोकर रख लिया गया। मंत्री ने इन परिवादों के निपटान में देरी के लिए अधिकारियों की ओर नजरें तो तर्रेरीं, लेकिन इसकी आदत डाल चुके अधिकारियों पर शायद ही इसका कोई असर हो पाए।

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