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हरियाणा में विधायकों को धमकी मिलने का मामला गर्माया है। वहीं पूरे मामले में प्रदेश सरकार भी सतर्क है। मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने इस मामले को बेहद गंभीरता से लिया है। उन्होंने पुलिस के आला अधिकारियों को तलब कर लिया है। वहीं घटनाक्रम की विस्तृत जानकारी ली। सीएम ने अधिकारियों को सख्त कार्रवाई का आदेश दिया। बैठक में गृह मंत्री अनिल विज भी मौजूद रहे।
हरियाणा में अब तक छह विधायकों को रंगदारी और जान से मारने की धमकी मिल चुकी है। इसके बाद हरियाणा सरकार ने विधायकों की सुरक्षा को लेकर बड़ा फैसला लिया था। प्रदेश के सभी 90 विधायकों की सुरक्षा के लिए अब उनके पीएसओ (व्यक्तिगत सुरक्षा अधिकारी) को एके-47 दी जाएंगी। धमकी मिलने वाले विधायकों के पीएसओ को यह आधुनिक हथियार मुहैया करा दिए गए हैं।
शेष पीएसओ को भी एके-47 से लैस होंगे। विधानसभा अध्यक्ष ज्ञानचंद गुप्ता ने भी इस मामले को गंभीरता से लिया था। उन्होंने डीजीपी समेत पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों की बैठक बुलाकर विधायकों की सुरक्षा दुरुस्त करने का आदेश दिया था। गृह मंत्री अनिल विज भी अधिकारियों से इस मामले में लगातार रिपोर्ट ले रहे हैं।
अभी तक पीएसओ के पास पहले पिस्तौल, रिवॉल्वर या कारबाइन होती थी। एके-47 के मुकाबले इन हथियारों की मारक क्षमता कम है और इनमें गोलियां भी कम आती हैं। एके-47 में एक साथ 32 गोलियां आती हैं और इसकी मारक क्षमता का कोई तोड़ नहीं है। इसलिए विधायकों की सुरक्षा के मामले को बड़ी गंभीरता से लेते हुए सरकार ने पुराने हथियारों के स्थान पर एके-47 देने का निर्णय लिया है।
बता दें कि अब तक सोहना से भाजपा के विधायक संजय सिंह, साढ़ौरा से कांग्रेस की विधायक रेणु बाला, सोनीपत से सुरेंद्र पंवार, मामन खान, सफीदों से सुभाष गांगोली और बादली से विधायक कुलदीप वत्स को जान से मारने की धमकी के साथ-साथ रंगदारी मांगी जा चुकी है।
पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष उदयभान के नेतृत्व में कांग्रेस विधायकों का प्रतिनिधिमण्डल राजभवन पहुंचा। यहां उन्होंने बुधवार को राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय को ज्ञापन सौंपा। प्रदेश में बिगड़ी कानून व्यवस्था, खेदड़ हादसा, फार्मेसी काउंसिल में भ्रष्टाचार और अन्य ज्वलंत मुद्दों को लेकर ज्ञापन के जरिये कांग्रेस ने अपनी मांगें रखी।
कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष उदयभान ने बताया कि प्रदेश में विधायक खुद को असुरक्षित महसूस कर रहे हैं। पुलिस या एसटीएफ अभी तक विधायकों को धमकी देने वाले अपराधियों का कोई सुराग नहीं लगा पाई है। राज्यपाल से मांग की है कि कानून व्यवस्था को सुधारने में हस्तक्षेप करें और गैंगस्टर पर कड़ी कार्रवाई की जाए। खेदड़ हादसे और फार्मेसी काउंसिल में भ्रष्टाचार के मामलों में दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की भी मांग की है।
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