नेता श्रमिकों को बंधक बनाने की झूठी सूचना के बाद पहुंचे थे साइट पर, ईंट भट्टा मालिक पर धौंस दिखाना पड़ा महंगा
रेवाड़ी न्यूज़: रसियावास में एक ईंट भट्टे पर श्रमिकों को बंधक बनाने की झूठी सूचना के बाद मौके पर पहुंचे एक कथित बसपा नेता को उस समय गाड़ी छोड़कर भागना पड़ा, जब भट्टा मालिकों ने उसके दबाव में आने की बजाय अपनी भाषा में समझाने का प्रयास किया। बाद में मामला बावल पुलिस स्टेशन तक पहुंच गया। दोनों पक्षों के बीच सुलहनामा होने के बाद बसपा नेता ने राहत की सांस ली। भृतहरि ईंट भट्टे के श्रमिक अपने घर जाने की तैयारी में थे। भट्टा मालिक ने पैसे देकर सभी का हिसाब कर दिया। जब श्रमिक वापस जाने लगे, तो पास में ही दूसरे भट्टे के मालिक ने बताया कि श्रमिकों ने उससे 80 हजार रुपए उधार लिए हुए हैं। जब उसने श्रमिकों से पैसे वापस मांगे, तो एक श्रमिक ने किसी बसपा नेता को फोन पर बंधक बनाने की झूठी सूचना दी। इस सूचना के बाद कथित बसपा नेता अपने साथ कुछ लोगों को लेकर भट्टे पर पहुंच गया। भट्टा मालिकों ने उन लोगों को बताया कि श्रमिकों को बंधक नहीं बनाया गया, बल्कि जाने से पहले उनका हिसाब करने को कहा गया है। यह बात वहां मौजूद श्रमिकों ने भी स्वीकार की।
झूठे आरोप लगााने के लिए उकसाया: बताया गया है कि जब बसपा नेता को वहां बंधक बनाने जैसा कुछ नहीं मिला, तो श्रमिकों में मौजूद एक महिला को भट्टा मालिक पर गलत आरोप लगाने के लिए उकसाना शुरू कर दिया। भट्टा मालिकों को जब इस बात की जानकारी मिली, तो उन्होंने गांव से कुछ और लोगों को मौके पर बुला लिया। जब ग्रामीणों को इस बात की जानकारी मिली कि बसपा नेता के इशारे पर भट्टा मालिक को फंसाने की व्यूह रचना तैयार की जा रही है, तो उन्होंने कथित नेता की धुनाई शुरू कर दी। इसके बाद नेताजी ने गाड़ी छोड़कर भागते हुए जान बचाई। मामला पुलिस के पास पहुंचा, तो दोनों पक्षें की बात सुनी गई। इसके बाद बसपा नेता के गलती स्वीकार करने पर मामला शांत हुआ।