x
रोहतक। हरियाणा के रोहतक जिले के गांव सुनारिया कलां का रहने वाला हवलदार जोगिंदर सिंह देश के लिए शहीद हो गया। जोगेंद्र 15 जाट बटालियन में हवलदार के पद पर लेह लद्दाख में तैनात थे। 18000 फीट की ऊंचाई पर बर्फ लगने के कारण 15 तारीख को बीमार पड़ गए। चंडीगढ़ के कमांड अस्पताल में सर्जरी के बाद भी जोगिंदर सिंह की जान नहीं बचाई जा सकी और वह 27 दिसंबर को दुनिया को अलविदा कह गए।
बताया जा रहा है कि जवान जोगिंदर सिंह का पिछले कल पैतृक गांव सुनारिया खुर्द में राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया। अंतिम संस्कार में शामिल जनसैलाब ने भारत माता की जय और जोगेंद्र सिंह अमर रहेगा के नारे लगाते हुए श्रद्धा सुमन अर्पित किए। जोगिंदर सिंह 2002 में फौज में भर्ती हुए थे। उसके परिवार में पत्नी सुशीला, 17 साल का बेटा राहुल और 18 साल की बेटी मुस्कान हैं। पत्नी ने कहा उनके पति हमेशा बहादुरी की बात करते थे। उनसे कहा करते थे कि वह सैनिक की पत्नी है और निडर होकर अपने बच्चों के साथ रहे, किसी से डरने की आवश्यकता नहीं है।
शहीद जोगिंदर की बेटी मुस्कान ने बताया कि मैं पिता की तरह बहादुर बन कर रहूंगी। मां को कोई तकलीफ नहीं होने दूंगी। फौज में भर्ती होना और शहादत पाना किसी के नसीब में होता है। अगर मौका मिला तो सेना में जरूर जाऊंगी।
वहीं फौज में उनके साथ ही रहे अनिल सिंह ने बताया कि जोगिंदर सिंह 18000 फीट की ऊंचाई पर ग्लेशियर में 15 जाट बटालियन में तैनात थे। 15 दिसंबर को उन्हें बर्फ के कारण पेट में तकलीफ हुई थी जहां से हेप्टर के द्वारा उन्हें नीचे लाकर अस्पताल में भर्ती किया गया लेकिन वहां उनकी स्थिति बिगड़ने के बाद उन्हें कमांड अस्पताल चंडीगढ़ में लाकर सर्जरी की गई। उनकी तबीयत बिगड़ती ही चली गई और उन्होंने 27 दिसंबर को अंतिम सांस ली।
Admin4
Next Story