हरियाणा

तीन साल की सौतेली बेटी की नहर में डूबा कर हत्या करने वाले, पिता को अदालत ने उम्रकैद व 85 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई

Shiddhant Shriwas
10 Feb 2022 3:52 PM GMT
तीन साल की सौतेली बेटी की नहर में डूबा कर हत्या करने वाले, पिता को अदालत ने उम्रकैद व 85 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई
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फाइल फोटो 

सीसीटीवी की फुटेज बनी अहम सबूत

जनता से रिस्ता वेबडेस्क: हरियाणा के सोनीपत में अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश शैलेंद्र सिंह की अदालत ने तीन साल की सौतेली बेटी की नहर में डूबा कर हत्या करने के मामले की सुनवाई करते हुए आरोपी पिता को दोषी करार दिया है। अदालत ने दोषी को उम्रकैद व 85 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है। बच्ची का शव बरामद नहीं हुआ था। अदालत ने सुबूतों के आधार पर आरोपी को दोषी करार दिया है।मूलरूप से बिहार के जिला किशनगंज के खाड़ी टोला का रहने वाला मुशर्रफ पत्नी, 7 वर्षीय पुत्र व 3 वर्षीय सौतेली बेटी फरीदा के साथ बड़ी गांव में किराए पर रहता था। मुशर्रफ व उसकी पत्नी बड़ी औद्योगिक क्षेत्र स्थित फैक्टरी में नौकरी करते थे। मुशर्रफ की पत्नी सेफुनिसा ने पुलिस को बताया था कि उसका निकाह वर्ष 2009 में हुआ था। उन्हें एक बेटा हुआ। लेकिन कुछ साल बाद ही उन दोनों के बीच झगड़ा रहने लगा था।जिस वजह से उसने मुशर्रफ का घर छोड़ दिया था। उस पर तलाक का मुकदमा दायर कर दिया था। इस दौरान उसने रशिद नाम के युवक के साथ निकाह कर लिया। वह उससे गर्भवती हो गई थी। लेकिन निकाह के चार माह बाद ही वह रशिद से भी अलग हो गई थी। जिसके बाद उसने अपने मायके में जाकर बेटी फरीदा को जन्म दिया था।इस बीच मुशर्रफ उसके घर आया था और समझौता कर वापस उसे अपने साथ लौटने और उसकी बेटी को भी अपनाने के लिए तैयार हो गया था। जिस पर वह मुशर्रफ के साथ वापस उसके साथ बड़ी गांव में आकर रहने लगी थी। वह और उसका पति बड़ी में किराए पर रहकर फैक्टरी में नौकरी करते हैं।सेफुनिसा ने बताया था कि मुशर्रफ उस पर फरीदा को वापस उसके सगे बाप के पास भेजने के लिए दबाव भी बनाता था। 8 अक्तूबर, 2018 को जब फरीदा तीन साल की थी वह अचानक गायब हो गई। उस दिन उसका पति घर पर ही था और वह ड्यूटी पर गई थी। मुशर्रफ ने उस दिन बीमार होने की बात कही थी।बाद में जब घर आई और बेटी के बारे में पूछा तो उसने जानकारी होने से मना कर दिया था। 10 अक्तूबर, 2018 को मुशर्रफ ने राजलू गढ़ी पुलिस चौकी में फरीदा के गुम होने की शिकायत दी थी। जिस पर पुलिस ने जांच करते हुए शक के आधार पर पूछताछ के लिए मुशर्रफ को अपनी हिरासत में लिया तो उसने सच्चाई उगल दी थी।मामले में सीआईए-2 के तत्कालीन प्रभारी अजय धनखड़ की टीम ने मुशर्रफ से पूछताछ की तो उसने बताया था कि बड़ी के पास रजवाहे के पास से उसकी बेटी गायब हुई है। उसके बातों पर पुलिस को शक हो गया। पुलिस ने जब उससे कड़ाई से पूछताछ की तो उसने अपना गुनाह कुबूल कर लिया था। मुशर्रफ ने पुलिस को बताया कि फरीदा उसकी अपनी बेटी नहीं थी।जिसके चलते वह उसे अपना नहीं पा रहा था। उसने फरीदा को पानीपत के बिंझौल के पास नहर पर ले जाकर डूबा कर मार दिया था। शव नहर में ही फेंक दिया था। आरोपी ने बताया था कि वह छह साल पहले पानीपत में किराए पर रहता था। उसे वहां के बारे में अच्छी जानकारी थी। मामले में बच्ची का शव नहीं मिला था। मामले में पुलिस के ठोस सुबूत के आधार पर अदालत ने उसे दोषी माना है। बुधवार को मामले में सुनवाई करते हुए एएसजे शैलेंद्र सिंह की अदालत ने मुशर्रफ को दोषी करार देते हुए भादंसं की धारा 302 में उम्रकैद व 50 हजार रुपये जुर्माना, धारा 365 में सात साल की कैद व 25 हजार रुपये जुर्माना तथा धारा 201 में तीन साल की कैद व 10 हजार रुपये जुर्माने की सजा दी है। तीनों सजा एक साथ चलेंगी। जुर्माना अदा न करने पर पौने दो साल अतिरिक्त कैद की सजा भुगतनी होगी।

सीसीटीवी की फुटेज बनी अहम सबूत
पुलिस की जांच में जब मुशर्रफ से पूछताछ के बाद शब्दों में विरोधाभास मिला तो उससे कड़ाई से पूछताछ की। बाद में पुलिस ने 16 अक्तूबर, 2018 को पीएनबी बड़ी में लगे सीसीटीवी की फुटेज देखी तो उसमें 8 अक्तूबर, 2018 को दोपहर दो बजे मुशर्रफ बेटी फरीदा को लेकर जीटी रोड की तरफ जाता दिख रहा था। उसी दिन पानीपत के जाटल रोड नहर पुल पर रामनगर कॉलोनी में भठीवाल सीमेंट स्टोर पर लगे सीसीटीवी में आरोपी सवा तीन बजे के आसपास बेटी के साथ जाता दिख रहा था। बाद में पौने चार बजे वह अकेला आता दिखाई दिया था।
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