हरियाणा

उपद्रवियों पर नियंत्रण न होने से सौहार्द का माहौल प्रभावित हो रहा है

Teja
8 Aug 2023 6:57 PM GMT
उपद्रवियों पर नियंत्रण न होने से सौहार्द का माहौल प्रभावित हो रहा है
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हरियाणा : हरियाणा के नूंह में पिछले दिनों हिंदू संगठनों की जलाभिषेक यात्रा पर सुनियोजित तरीके से मुस्लिम समुदाय की एक उन्मादी भीड़ के हमले के बाद भड़की हिंसा में छह लोगों की मौत ने केवल सांप्रदायिक तनाव के दुष्परिणाम ही उजागर नहीं किए, बल्कि इसकी लपटें जिस तरह पड़ोसी जिलों और उत्तर भारत के एक प्रमुख आइटी केंद्र गुरुग्राम तक पहुंच गईं, उससे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी खराब संदेश गया। भारत सरीखे तेजी से उभरते देश में हिंसा की ऐसी घटनाओं के लिए कहीं कोई जगह नहीं हो सकती, जो स्पष्ट तौर पर विधि के शासन को चुनौती देने वाली हों। वैसे भी सभ्य समाज में ऐसी घटनाओं को न तो सहन किया जा सकता है और न ही उनकी अनदेखी की जा सकती है। यह गंभीर चिंता का विषय है कि देश में हिंदू-मुस्लिम सांप्रदायिक तनाव के कारण हिंसक घटनाओं का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। इन घटनाओं में लिप्त तत्वों के दुस्साहस पर लगाम न लग पाने के कारण ही जब-तब सद्भाव का वातावरण प्रभावित होता रहता है। स्वतंत्रता के पहले से कट्टरपंथी सोच के कारण हिंदू-मुस्लिम समुदायों के बीच अविश्वास की जो भावना उपजी, उसने न केवल दोनों समुदायों के कुछ वर्गों में एक-दूसरे के प्रति घृणा और वैमनस्य की भावना भर दी, बल्कि उसकी परिणति देश के विभाजन के रूप में सामने आई। विभाजन की इस आग में दोनों समुदाय अभी भी जल रहे हैं। वोट बैंक की राजनीति ने इस आग को भड़काया है। देश के लगभग सभी राजनीतिक दलों ने मुस्लिमों के बीच बार-बार यह झूठ प्रचारित करने में कोई कसर नहीं छोड़ी कि हिंदू उनका हक छीन रहे हैं।
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