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Chandigarh.चंडीगढ़: स्थानीय अदालत ने ऑनलाइन धोखाधड़ी के मामले में गिरफ्तार एक व्यक्ति की जमानत याचिका खारिज कर दी है। अरविंद कुमार की शिकायत के आधार पर मामले में एफआईआर दर्ज की गई थी। उसने बताया था कि उसे लोन के लिए एसएमएस के जरिए एक लिंक मिला था। जैसे ही उसने इस पर क्लिक किया, ह्यूगो लोन एप्लीकेशन इंस्टॉल हो गई। इसके बाद उसने लोन के लिए अपनी पात्रता की जांच की और अपनी जानकारी भर दी। उसने किसी लोन के लिए आवेदन नहीं किया और एप्लीकेशन को अनइंस्टॉल कर दिया। इसके बाद उसे वॉट्सऐप पर धमकी भरे कॉल और मैसेज आने लगे, जिसमें पैसे भेजने के लिए कहा गया और ऐसा न करने पर उसकी और उसके परिवार की मॉर्फ्ड और नग्न तस्वीरें उसके संपर्कों में भेज दी गईं।
उसने बताया कि उसने मांग के अनुसार 2,045 और 3,500 रुपये भेजे, लेकिन उसे और पैसे मांगने के लिए लगातार धमकी भरे कॉल आते रहे। जांच के दौरान पुलिस ने एक चीनी निवासी समेत कई लोगों को गिरफ्तार किया। आरोपी मनोज राठौर के वकील ने दलील दी कि एफआईआर अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ दर्ज की गई थी। अपराध में आरोपी की कोई खास भूमिका नहीं बताई गई। दूसरी ओर, सरकारी वकील हुकुम सिंह ने कहा कि मनोज कथित तौर पर एक कंपनी से जुड़ा हुआ था, जिसमें बड़ी रकम ट्रांसफर की गई थी। उसे पिछले साल 29 दिसंबर को गिरफ्तार किया गया था। मामले की जांच अभी पूरी नहीं हुई है। दलीलें सुनने के बाद, अदालत ने आरोपी की जमानत याचिका खारिज कर दी और कहा कि वह कथित तौर पर धोखाधड़ी करने और निर्दोष लोगों को ब्लैकमेल करने के गंभीर अपराध में शामिल है।
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Payal
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