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संदीप सिंह के इस्तीफे की मांग पर विधानसभा में तनातनी

Harrison
28 Aug 2023 4:01 PM GMT
संदीप सिंह के इस्तीफे की मांग पर विधानसभा में तनातनी
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हरियाणा | विधानसभा में सोमवार को सत्तापक्ष और विपक्ष के बीच मंत्री संदीप सिंह के इस्तीफे की कांग्रेस सदस्यों की मांग को लेकर तनातनी दिखी। चंडीगढ़ पुलिस द्वारा संदीप सिंह के खिलाफ यौन उत्पीड़न के एक मामले में आरोपपत्र दाखिल करने के बाद विपक्षी कांग्रेस के सदस्यों ने उनके इस्तीफे की मांग की, लेकिन मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने इस मांग को खारिज कर दिया। खट्टर ने सदन में कहा, ‘‘मैंने निश्चय कर लिया है इस्तीफा नहीं मांगा जाएगा, बिल्कुल नहीं मांगा जाएगा। कोई इस्तीफा नहीं मांगा जाएगा। मुख्यमंत्री के इस बयान पर संदीप सिंह समेत भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विधायकों ने सदन में मेजें थपथपाईं। हरियाणा सरकार में सिंह मुद्रण एवं लेखन सामग्री विभाग संभाल रहे हैं और पहली बार विधानसभा में चुन कर आए हैं। वह भारतीय हॉकी दल के कप्तान थे।
उन्होंने यौन उत्पीड़न का मामला दर्ज होने के बाद नैतिक आधार पर राज्य में खेल विभाग का प्रभार छोड़ दिया था। उन्होंने दावा किया था कि महिला कोच द्वारा लगाए गए आरोप निराधार हैं। विधानसभा में शून्यकाल शुरू होते ही नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा के नेतृत्व में कांग्रेस विधायक अपने स्थानों पर खड़े हो गए और सिंह के इस्तीफे की मांग करने लगे। विधानसभा अध्यक्ष ज्ञान चंद गुप्ता के यह कहने के बावजूद कि मामला अदालत के विचाराधीन है और इसपर चर्चा नहीं की जा सकती, कांग्रेस सदस्यों ने इस बात पर जोर दिया कि संदीप सिंह को इस्तीफा दे देना चाहिए या फिर मुख्यमंत्री को उन्हें मंत्रिपरिषद से हटा देना चाहिए। खट्टर ने कहा कि इस मामले पर विपक्ष किसी को मजबूर नहीं कर सकता।
खट्टर ने कहा, हम जानते हैं कि वे (विपक्ष) नैतिक आधार पर कहां खड़े हैं और हम कहां खड़े हैं। हम जनता के प्रति जवाबदेह हैं। नेता प्रतिपक्ष ने सदन में दावा किया कि मुख्यमंत्री ने असंसदीय शब्द का इस्तेमाल किया है। कांग्रेस के अन्य सदस्यों ने भी इस पर आपत्ति जताई। हालांकि, अध्यक्ष ने कहा कि असंसदीय शब्दों की एक सूची है और यदि इस तरह के शब्द का उल्लेख किया गया है तो उसे कार्यवाही से हटा दिया जाएगा। कांग्रेस के कुछ सदस्य आसन के समीप आ गये जिस पर अध्यक्ष ने कहा कि संदीप सिंह का मामला अदालत में है। उन्होंने कहा, किसी भी अदालत में विचाराधीन मामले पर यहां चर्चा नहीं हो सकती। कांग्रेस के सदस्यों ने सरकार के खिलाफ सदन में नारेबाजी भी की जिसका जवाब भाजपा के विधायकों ने भी नारेबाजी से दिया। सदन में हंगामा जारी रहने पर अध्यन ने चेतावनी दी कि कांग्रेस के सदस्य अपने स्थान पर बैठ जाएं वरना उन्हें निलंबित कर दिया जाएगा। कांग्रेस के एक सदस्य के संदीप सिंह को बचाए जाने के आरोप का खंडन करते हुए गुप्ता ने कहा, मैंने कहा कि मामला अदालत में है।
क्या आप न्यायपालिका का सम्मान नहीं करते? वरिष्ठ कांग्रेस विधायक रघुवीर सिंह कादियान ने कहा कि मुख्यमंत्री अपने मंत्री संदीप सिंह को बचा रहे हैं। उन्होंने कहा कि विधानसभा के इससे पिछले सत्र में भी वह अड़े रहे थे कि सिंह का इस्तीफा नहीं लिया जाएगा। मुख्यमंत्री खट्टर ने इस दौरान कांग्रेस पर भी हमला बोला और उनसे यह याद करने को कहा कि उनके शासन के दौरान महिलाओं और अनुसूचित जाति के लोगों के खिलाफ अत्याचार की कितनी घटनाएं हुई थीं। हालांकि, कांग्रेस सदस्य गीता भुक्कल ने कहा कि यह कैसी विडंबना है कि मामले में शिकायतकर्ता महिला कोच को राज्य खेल विभाग ने निलंबित कर दिया, लेकिन संदीप सिंह अपने खिलाफ मामला दर्ज होने के बावजूद मंत्री बने हुए हैं। इसके बाद अध्यक्ष ने नूंह हिंसा मामले को लेकर हंगामे के बीच सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी।
चंडीगढ़ पुलिस ने कुछ दिन पहले अदालत के समक्ष संदीप सिंह के खिलाफ अंतिम रिपोर्ट दाखिल की थी, जिसमें मामला दर्ज होने के लगभग आठ महीने बाद आरोप पत्र दायर किया गया था। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता संदीप सिंह पर भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 354, 354ए, 354बी, 342 और 506 के तहत आरोप दर्ज किये गए हैं। इस बीच, महिला कोच के वकील दीपांशु बंसल ने सोमवार को खट्टर के सस बीच, महिला कोच के वकील दीपांशु बंसल ने सोमवार को खट्टर के सदन में दिये गये बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, हरियाणा में महिला सुरक्षा को लेकर आज काला दिन है। मनोहर लाल खट्टर जी को एक आरोपी संदीप सिंह को बचाते हुए देखकर हैरान हूं जिसके खिलाफ यौन उत्पीड़न के अपराधों को लेकर आरोपपत्र दाखिल हो गया है।
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