हरियाणा

मेवात मॉडल स्कूलों के शिक्षकों को पहले करना होगा एचटेट पास, तभी माने जाएंगे पक्के, सरकार के इस फैसले से शिक्षकों में नाराजगी

Renuka Sahu
17 Jan 2022 4:22 AM GMT
मेवात मॉडल स्कूलों के शिक्षकों को पहले करना होगा एचटेट पास, तभी माने जाएंगे पक्के, सरकार के इस फैसले से शिक्षकों में नाराजगी
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फाइल फोटो 

मेवात मॉडल स्कूलों के शिक्षा विभाग में समायोजन की अधिसूचना जारी होने के बाद शिक्षकों में नाराजगी है।

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। मेवात मॉडल स्कूलों के शिक्षा विभाग में समायोजन की अधिसूचना जारी होने के बाद शिक्षकों में नाराजगी है। इन स्कूलों के शिक्षकों को एचटेट पास करना होगा। तभी ये स्कूल शिक्षा विभाग में पक्के शिक्षक माने जाएंगे। एचटेट न होने पर इनके पदनाम के साथ तदर्थ यानी एडहॉक जुड़ा रहेगा।शिक्षकों ने अधिसूचना में लगाई गई सभी अनावश्यक शर्तों को हटाकर संशोधित आदेश जारी करने की मांग की है। साथ ही कहा है कि उन्हें बिना शर्त समायोजित किया जाए।

मेवात मॉडल स्कूल्स इंप्लाइज वेलफेयर एसोसिएशन के प्रधान सतीश खटाना व महासचिव निसार अहमद ने अधिसूचना को लेकर विरोध दर्ज कराया है। उन्होंने कहा कि इन स्कूलों में कार्यरत कर्मचारी मेवात विकास एजेंसी के अधीन कार्य कर रहे थे। सभी भर्ती विज्ञापन व साक्षात्कार के माध्यम से हुई हैं। कर्मचारी उस समय के भर्ती मापदंडों पर खरे उतरे थे, उसके बाद नियुक्ति पत्र जारी किए गए।
अब अधिसूचना में कर्मचारियों पर हरियाणा शिक्षक पात्रता परीक्षा की शर्त लगा अयोग्य घोषित कर एडहॉक का नियुक्ति पत्र देना कर्मचारियों के साथ धोखा है। साथ ही इन स्कूलों में कार्यरत सभी टीचिंग और नॉन टीचिंग स्टाफ के अर्जित अवकाश, वरिष्ठता को समाप्त कर 2006 से पहले लगे कर्मचारियों पर नई पेंशन स्कीम लागू कर दी गई है। कोरोना काल के दौरान कर्मचारियों की मृत्यु पर एक्सग्रेशिया रोजगार स्कीम के तहत आश्रितों को कोई नौकरी नहीं दी गई। न ही कोई अन्य लाभ दिया।
मेवात विकास एजेंसी की पूर्व में चल रही पांच वर्ष की नीति के तहत कर्मचारियों को नियमित ना कर अनुबंध पर लिया गया है। बगैर शर्तों के समायोजन न होने पर सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा के बैनर तले आंदोलन करने को मजबूर होंगे। सर्व कर्मचारी संघ के प्रदेशाध्यक्ष सुभाष लांबा व महासचिव सतीश सेठी ने कहा कि मेवात डेवलपमेंट एजेंसी (एमडीए) द्वारा संचालित स्कूलों में कार्यरत नियमित शिक्षकों को तदर्थ बनाना और एचटेट की शर्त थोपना अन्याय है। इसे किसी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जा सकता।
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