सुप्रीम कोर्ट ने ओआरओपी के भुगतान के लिए फॉर्मूला और समय सीमा तय की
चंडीगढ़ न्यूज़: सुप्रीम कोर्ट से छह लाख पेंशनभोगी परिवार और वीरता पदक विजेताओं को बड़ी राहत मिली है. शीर्ष अदालत ने स्पष्ट किया कि पात्र पेंशनरों को 28 फरवरी 2024 तक यानी 11 माह में बकाया भुगतान का आदेश दिया है. पात्र पेंशनरों को 30 अप्रैल तक और 70 वर्ष से अधिक आयु के पेंशनरों को 30 जून तक देय राशि का भुगतान किया जाए. बाकी को 28 फरवरी 2024 तक बकाया राशि का भुगतान करने को कहा है. वहीं, कोर्ट ने मामले में केंद्र द्वारा दायर सीलबंद लिफाफे को स्वीकार करने से इनकार कर दिया.
प्रधान न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति पीएस नरसिम्हा और न्यायमूर्ति जे बी पारदीवाला की पीठ के समक्ष केंद्र सरकार ने कहा कि वह एक बार में पेंशन बकाया का भुगतान करने में सक्षम नहीं है. इस पर पीठ ने कहा कि केंद्र सरकार ओआरओपी योजना के संदर्भ में 2022 के फैसले का पालन करने के लिए बाध्य है.
केंद्र की ओर से पेश हुए अटॉर्नी जनरल ने सेवानिवृत्त सैन्यकर्मियों को पात्र पेंशन के बकाये के भुगतान पर केंद्र के प्रस्ताव के बारे में अदालत को अवगत कराया. केंद्र ने अदालत को यह भी बताया कि इन 21 लाख में से 6 लाख परिवार पेंशनभोगियों और वीरता पुरस्कार विजेताओं को 30 अप्रैल तक भुगतान मिल जाएगा, क्योंकि वीरता पुरस्कार विजेताओं की असाधारण सेवा के कारण पारिवारिक पेंशनरों ने कमाऊ सदस्य खो दिए हैं. उच्चतम न्यायालय ओआरओपी बकाये के भुगतान को लेकर इंडियन एक्स-सर्विसमैन मूवमेंट(आईईएसएम) की याचिका पर सुनवाई कर रहा है. इससे पहले की सुनवाई में शीर्ष अदालत ने सेवानिवृत्त सैन्य कर्मियों को वन रैंक वन पेशन बकाया के भुगतान के लिए समय बढ़ाने वाली एकतरफा अधिसूचना पारित करने पर रक्षा मंत्रालय की खिंचाई की थी.