जोधपुर. भारत सरकार जल जीवन मिशन योजना के तहत पानी के संरक्षण के लिए प्रयास कर रही है. योजना से प्रभावित होकर हरियाणा के सुभाष विश्नोई भी इस मिशन में योगदान देने के लिए निजी तौर से जुड़ गए. हरियाणा कृषि मंडी बोर्ड में सुपरवाइजर के पद सेवानिवृत सुभाष चंद्र विश्नोई ने जल बचाने और उसके महत्व को बताने के लिए साइकिल से भारत भ्रमण का फैसला लिया. जनवरी 2021 में हरियाणा से शुरू किए गए सफर में, सुभाष अब तक भारत के 17 राज्यों और 2 केंद्र शासित प्रदेशों के गांव-ढाणी में जल जीवन मिशन का संदेश दे चुके हैं.
सुभाष हरियाणा, चंडीगढ़, दिल्ली, राजस्थान पूर्वी, उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल, उड़ीसा, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, तमिलनाडु, पुडुचेरी, केरल ,कर्नाटका, गोवा , महाराष्ट्र ,गुजरात का सफर कर पश्चिमी राजस्थान (Subhash in Jodhpur during Bicycle tour of Country) पहुंचे हैं. इसके अतिरिक्त वे नेपाल का भी भ्रमण कर चुके हैं. अपनी यात्रा के अंतिम दौर में वे दिल्ली जाएंगे और उनकी इच्छा है कि वे प्रधानमंत्री से मिलें और अपने अनुभव को साझा करें.
हाइवे की जगह गांवो से गुजरते हुए करते हैं यात्रा: सुभाष का कहना है कि जल का सदुपयोग करना आवश्यक है. इसको (Subhash on country tour by bicycle) लेकर जितना जल्दी हम खुदको और हमारे बच्चों को जागरूक करेंगे उतना अच्छा रहेगा. अन्यथा आने वाले समय में ज्यादा परेशानियां उठानी पड़ेगी. वे बताते हैं कि इतने राज्यों की यात्रा आसान नहीं थी. इस दौरान उन्हें कई मुश्किलों का सामना भी करना पड़ा. उन्होंने दिन-रात, सर्दी-गर्मी और बारिश में भी अपनी यात्रा जारी रखी. वे अपनी यात्रा में हाईवे की जगह गांवों और रिमोट एरिया से होते हुए गुजरते हैं. इसके लिए मुश्किल रास्ते और टूटी सड़कों से होकर भी गुजरना होता है.
सुभाष अपनी यात्रा में गांवों का रुख इसलिए करते हैं ताकि वे स्कूल, पंचायत में भी अपने अनुभव को साझा कर सकें और बच्चों को जल के महत्व के बारे में समझा सकें. वे गांवों में पानी की उपलब्धता की जानकारी लेकर, पंचायत और गांव के लोगों को उसके प्रबंधन और संरक्षण के उपाय बताकर जागरूक करते हैं. इसमें सुभाष का अभी तक 1,40,000 रुपए निजी खर्च हो चुका है. साथ ही कुछ समाजसेवी ने लगभग 25,000 रुपए की मदद की है. इस पूरी यात्रा के दौरान कहीं आवभगत तो कहीं तिरस्कार भी देखने को मिला.
तमाम परेशानियों के बाद भी डटे रहे: सुभाष अपने लक्ष्य को लेकर अडिग हैं. अब तक वे 16,500 किलोमीटर का सफर तय कर चुके हैं. वे प्रतिदिन 90 से 100 किलोमीटर तक का सफर तय करते हैं. इस सफर में सर्वाधिक लंबा सफर तमिलनाडु का था. उत्तर और दक्षिण दोनों भागों से तमिलनाडु के 31 जिलों की यात्रा उन्होंने पूरी की. अब वे राजस्थान में 2200 किमी यात्रा कर सबसे लंबी दूरी का रिकॉर्ड बनाने की तयारी में हैं.