
न्यूज़ क्रेडिट:amarujala
कई परिवार ऐसे हैं, जो कि बदनामी के डर से हुई मौतों के राज को छुपा लेने में ही अपनी भलाई समझते हैं। कई ग्रामीणों का आरोप है कि पुलिस प्रशासन जिम्मेदारियों से बचने के लिए नशे के कारण हुई मौतों के मामले में शिकायत आने के बाद ही कार्रवाई करती है।
हरियाणा के सिरसा में करीब तीन महीने में ही नशा ने डबवाली क्षेत्र में चार युवकों को मौत की नींद सुला दिया। नशे से मौत का यह आंकड़ा केवल सरकारी दस्तावेज में दर्ज लोगों के हैं। कई परिवार ऐसे हैं, जो कि बदनामी के डर से हुई मौतों के राज को छुपा लेने में ही अपनी भलाई समझते हैं। इसी कड़ी में गांव जंडवाला बिश्नोई में बुधवार को कथित रूप से युवक की मौत का रहस्य भी पोस्टमार्टम न होने के कारण नहीं खुल सकेगा।
गांव जंडवाला बिश्नोई के ग्रामीणों ने बताया कि युवक करीब तीन वर्ष से नशीला पदार्थ लेता था। इसी दौरान उसे चिट्टे की लत लग गई। इतना ही नहीं वह इंजेक्शन से नशा शरीर में चढ़ाने लगा। ऐसे में दो दिन पहले वह खेत में सुनसान जगह पर जाकर अपने हाथ में चिट्टे का इंजेक्शन लगाया।
इसके बाद उसके हाथ में सूजन आनी शुरू हो गई। ऐसे में उसने बुधवार को भी इंजेक्शन लगा लिया। इससे उसकी तबीयत अधिक खराब हो गई। उसके परिजन उसे हनुमानगढ़ के निजी अस्पताल में लेकर पहुंचे। जांच के बाद डॉक्टरों ने उसे मृतघोषित कर दिया। इसके बाद परिजन शव को लेकर घर पर वापस आ गए। वीरवार को पुलिस को बिना सूचना दिए ही अंतिम संस्कार कर दिया।
बच्चों के सिर से उठा पिता का साया
ग्रामीणों में ऐसी चर्चा है कि युवक की मौत नशीले पदार्थ के कारण हुई है। युवक की मौत से उसके परिवार के सदस्यों पर गम का पहाड़ टूट पड़ा है। अबोध दो छोटे बच्चों के सिर से पिता का साया उठ गया है।
पुलिस कार्रवाई के नाम पर भरती है केवल कागजों का पेट
ग्रामीण सुनील कुमार, सुखदेव सिंह, जितेंद्र सिंह, हरबंस सिंह ने बताया कि पुलिस की ओर से गांव में सर्च अभियान भी चलाया जाता है। हालांकि पुलिस प्रशासन केवल कार्रवाई के नाम पर कागजों का पेट भरने के लिए नशे के धंधे में लिप्त छोटे मोटे आरोपियों को गिरफ्तार कर अपने कर्तव्यों का इतिश्री कर लेती है।
डबवाली क्षेत्र में पहले भी हो चुकी है ओवरडोज से मौत
18 मई को गांव सकता खेड़ा के पुराने पंचायतघर में गौरी पुत्र मक्खन सिंह 32 वर्षीय की इंजेक्शन लगाने से मौत हो गई थी।
22 मई को करनी ब्रांच पर गांव ढाबा के एक युवक की नशे की ओवरडोज से मौत हो गई। युवक का शव मोटरसाइकिल के ऊपर पड़ा हुआ मिला था, जिसके हाथ पर चिट्टे की सिरिंज लगी हुई थी।
गांव गंगा, देसू जोधा और मसीता में भी चिट्टे नशे के सेवन से दो युवकों की मौतें हो चुकी है।
क्यों पुलिस बचती है अपनी जिम्मेदारियों से
कई ग्रामीणों का आरोप है कि पुलिस प्रशासन अपनी जिम्मेदारियों से बचने के लिए नशे के कारण हुई मौतों के मामले में शिकायत आने के बाद ही कार्रवाई करती है। ग्रामीणों का आरोप है कि मौतों के आंकड़े में उलझने की बजाय पुलिस को अपने कर्तव्यों का भी पालन करना चाहिए। साथ ही लोगों को जागरूक कर नशे के आदी लोगों के परिवार और जिंदगी बचाने के लिए आगे आना चाहिए।
नशे के कारण युवक की मौत होने मामले की कोई भी शिकायत नहीं आई है। पीड़ित परिवार की ओर से मामले की शिकायत दी जाती है, तो आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।