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सेमीफाइनल में पहुंचने पर खेल प्रेमी खुश, महिला हॉकी टीम में सोनीपत की 4 खिलाड़ी शामिल

Admin4
4 Aug 2022 10:56 AM GMT
सेमीफाइनल में पहुंचने पर खेल प्रेमी खुश, महिला हॉकी टीम में सोनीपत की 4 खिलाड़ी शामिल
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न्यूज़क्रेडिट: अमरउजाला

भारतीय महिला हॉकी टीम के सेमीफाइनल में पहुंचने पर खेल प्रेमियों में खुशी की लहर दौड़ गई। प्रशिक्षक प्रीतम सिवाच ने कहा कि बेटियां बेहतर प्रदर्शन करेंगी। ओलंपिक में भी ऑस्ट्रेलिया को हरा चुकीं हैं।

राष्ट्रमंडल खेलों में भारतीय महिला हॉकी टीम के सेमीफाइनल में पहुंचते ही जिले के हॉकी प्रेमियों में खुशी की लहर दौड़ गई। महिला हॉकी टीम में प्रदेश की नौ बेटियां देश का प्रतिनिधित्व कर रही हैं, जिसमें चार हरियाणा के सोनीपत जिले की हैं। भारतीय टीम ने अपने चौथे ग्रुप मैच में जैसे ही कनाडा को 3-2 से हराया तो खेल प्रेमी खुशी से झूम उठे। भारतीय महिला हॉकी टीम पांचवीं बार राष्ट्रमंडल खेलों के सेमीफाइनल में पहुंची, जिसमें दो बार पदक जीत चुकी है। अबकी बार महिला हॉकी टीम 16 साल से पदक का सूखा दूर करने राष्ट्रमंडल में गई है।

बुधवार को इंग्लैंड के बर्मिंघम में सेमीफाइनल का टिकट कटाने के लिए भारतीय महिला हॉकी टीम कनाडा के सामने थीं। जिसमें भारतीय टीम ने खेल प्रेमियों की आशा के अनुरूप खेलते हुए कनाडा को 3-2 से हराकर सेमीफाइनल में जगह बना ली है। महिला हॉकी टीम में प्रदेश की नौ बेटियां खेल रही हैं।

जिसमें नेहा गोयल, सविता पूनिया, मोनिका, शर्मिला, उदिता, निशा, ज्योति, नवजोत व नवनीत शामिल हैं। इनमें ज्योति, नेहा गोयल, निशा वारसी और मोनिका मलिक सोनीपत की हैं। चारों खिलाड़ी बेहतर फार्म में हैं। ऐसे में सभी को उम्मीद है कि इस बार बेटियां पदक लेकर ही लौटेंगी। अब सेमीफाइनल में भारतीय बेटियों का मुकाबला 5 अगस्त को ऑस्ट्रेलिया से होगा। टीम ने चार मैच में से तीन में जीत दर्ज की है।

ओलंपिक में ऑस्ट्रेलिया को हरा चुकी बेटियां : प्रीतम

भारतीय महिला हॉकी टीम की पूर्व खिलाड़ी व प्रशिक्षक प्रीतम सिवाच कहती हैं कि राष्ट्रमंडल में बेटियां लगातार बेहतर खेल रही हैं। वह लय पकड़ चुकी हैं। ऐसे में वह अवश्य ही पदक लेकर लौटेंगी। उन्होंने बताया कि टोक्यो ओलंपिक में भारत की बेटियों ने क्वार्टर फाइनल में ऑस्ट्रेलिया को हराकर ही सेमीफाइनल का टिकट कटाया था। ऐसे में उन्हें ऑस्ट्रेलिया को हराने के बाद मिली मानसिक मजबूती उनके लिए काफी कारगर होगी। मनोवैज्ञानिक दबाव भी ऑस्ट्रेलिया पर ही होगा। ऐसे में उन्हें पूरी उम्मीद है कि बेटियां अबकी बार पदक लेकर ही आएंगी।


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