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चण्डीगढ। हरियाणा के गृह मंत्री अनिल विज ने कहा कि राज्य सरकार ने लापता व्यक्तियों से संबंधित मामलों की जांच के लिए एक मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) तैयार की गई है। इस एसओपी के तहत यदि 4 माह के भीतर जिला पुलिस द्वारा गुमशुदा बच्चों का पता नहीं लगाया जाता है, तो राज्य अपराध शाखा में गुमशुदा व्यक्तियों से संबंधित मामलों को अपने हाथ में ले लिया जाता है और लापता व्यक्तियों को ढूंढने के लिए कार्यवाही में तेजी लाई जाती है। विज ने पुलिस अधिकारियों से कहा कि पुलिस विभाग और बाल कल्याण समितियों द्वारा ढुंढे गए लापता व्यक्तियों हेतु क्राइम एवं क्रिमिनल टैªकिंग नेटवर्क सिस्टम (सीसीटीएनएस) में इंटीग्रेटिड इस्वैस्टीकेट फार्म (आईआईएफ-9) को भरने के लिए एक विशेष अभियान शुरू किया जाए ताकि लापता व्यक्तियों के लिए बने सीसीटीएनएस के आईआईएफ 8 के साथ इन आंकड़ों का मिलान किया जा सकें। इन दोनों के मिलान से लापता व्यक्तियों का पता लगाने में सहयोग मिलेगा और पाए गए व्यक्तियों और बच्चों को उनके परिवारों से मिलवाया जा सकेगा। विज ने कहा कि मानव तस्करी रोधी इकाइयों तथा जिला पुलिस द्वारा वर्ष 2020, 2021 और 31 अक्तूबर, 2022 तक कुल 39830 गुम हुए बालकों व व्यक्तियों को रिकवर करने और बाल भिक्षुकों तथा बाल श्रमिकों का बचाव करने की उपलब्धि हासिल की है।
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