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तीन साल पहले सरकारी काम में बाधा पहुंचाने व पुलिस टीम पर जानलेवा हमला करने के मामले में अदालत ने दोषी को तीन साल कारावास की सजा सुनाई है। अदालत ने दोषी पर 14 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है। जुर्माना न भरने पर दोषी को तीन महीने की अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी।
जिला उप न्यायवादी संदीप सिंगला ने बताया कि 20 सितंबर 2019 को सहायक उप निरीक्षक दिलबाग सिंह ने थाना इस्माईलाबाद पुलिस को दी शिकायत में बताया था कि वह थाना की सरकारी गाड़ी पर बतौर चालक नियुक्त है। 20 सितंबर की रात वह अपने साथी सहायक उपनिरीक्षक नरेंद्र कुमार व कुलदीप सिंह के साथ गांव नैसी में लड़ाई झगड़ा व मारपीट के मामले में गया था। उनकी टीम गांव पहुंची तो एक युवक ने पुलिस की गाड़ी को अपने ट्रैक्टर से सीधी टक्कर मार दी थी। जब तक वह संभल पाते तो उसने दोबारा से अपने ट्रैक्टर को पीछे हटा कर फिर से उनकी गाड़ी में अपने ट्रैक्टर की टक्कर मारने का प्रयास किया था। तब उन लोगों ने गाड़ी से कूदकर अपनी जान बचाई थी। शोर सुनकर मौके पर काफी संख्या में ग्रामीण आ गए थे, जिनकी मदद से आरोपी को काबू किया गया था। शिकायत पर मामला दर्ज करके जांच करते हुए आरोपी सतनाम सिंह वासी डेरा नैसी को गिरफ्तार करके अदालत के आदेश से कारागार भेज दिया था। 16 नवंबर 2019 मामले का चालान अदालत में दिया गया था।
इस मामले की नियमित सुनवाई करते हुए अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश डॉ. अमित गर्ग की अदालत ने आरोपी सतनाम सिंह को तीन वर्ष कारावास व 14 हजार रुपये जुर्माना की सजा सुनाई है।
Kajal Dubey
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