
पंजाब सरकार के स्वास्थ्य मंत्री चेतन सिंह जौड़ामाजरा ने कहा कि मामले में जांच बिठाकर रिपोर्ट तलब की जाएगी। मामला लोगों की सेहत और कोरोना जैसी महामारी से जुड़ा है। इसमें लापरवाही की गुंजाइश नहीं है।
सुधार सिविल अस्पताल में कोरोना के संदिग्ध मरीजों के सैंपल फेंकने का गंभीर मामला सामने आया है। सैंपल की सैकड़ों सीलबंद शीशियां कूड़ेदान में मिली हैं। ये सभी आरटीपीसीआर के सैंपल थे। शीशियों के ऊपर मरीज की सारी जानकारियां भी लिखी हुई हैं। एसएमओ दविंदर कुमार ने मौके का मुआयना कर जांच के आदेश दिए। वहीं स्वास्थ्य मंत्री चेतन सिंह जौड़ामाजरा ने कहा कि इस मामले की जांच कर आरोपियों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
अस्पताल से सैंपल जांच के लिए सिविल अस्पताल लुधियाना, गडवासु और पटियाला के राजिंद्रा अस्पताल भेजे जाते हैं, लेकिन कर्मचारियों ने अस्पतालों में भेजने के बजाय कूड़ेदान में फेंक दिए। कूड़ेदान से स्वैब कलेक्शन की सैकड़ों नई सीलबंद पैथकिटस (नाक से सैंपल लेने में इस्तेमाल) भी मिली हैं। आशंका है कि यह मामला कोरोना की जाली रिपोर्ट से जुड़ा हो सकता है।
एसएमओ ने नोडल आफिसर पर मढ़ा आरोप
एसएमओ सुधार दविंदर कुमार ने मौके का मुआयना किया। जब उनसे सवाल पूछा गया कि अस्पताल में इतनी बड़ी लापरवाही कैसे हो सकती है तो उन्होंने पल्ला झाड़ते हुए आरोप नोडल अफसर और फार्मेसी टीम पर मढ़ दिया। उनका कहना था कि यह लापरवाही सरकारी डिस्पेंसरी की टीम की ओर से की गई है। सैंपल को संभालकर रखना होता है। इतनी बड़ी गलती किसने की, पूरी जांच करवाई जाएगी।
क्या कहना है सिविल सर्जन का
सिविल सर्जन लुधियाना डॉ. एसपी सिंह ने इसे बेहद गंभीर मामला बताया है। उन्होंने कहा, सरकारी अस्पताल सुधार की पूरी जिम्मेदारी वहां के एसएमओ की है। वह किसी अन्य को जिम्मेदार ठहराकर कार्रवाई से बच नहीं सकते। सोमवार को एसएमओ सुधार डॉ. देविंदर कुमार को तलब कर उनसे लापरवाही का कारण पूछा जाएगा।
रिपोर्ट तलब की जाएगी: जौड़ामाजरा
पंजाब सरकार के स्वास्थ्य मंत्री चेतन सिंह जौड़ामाजरा ने कहा कि मामले में जांच बिठाकर रिपोर्ट तलब की जाएगी। मामला लोगों की सेहत और कोरोना जैसी महामारी से जुड़ा है। इसमें लापरवाही की गुंजाइश नहीं है। जिस किसी की भी गलती सामने आई, उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।