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एसडीएम ने सामग्री के सैंपलों की जांच की जाए

Shantanu Roy
7 July 2022 9:06 AM GMT
एसडीएम ने सामग्री के सैंपलों की जांच की जाए
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हरियाणा। हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण द्वारा शहर के हुडा सेक्टर-1 फेस-2 में पीने के पानी की सप्लाई के लिए 4.40 करोड़ रुपए की लागत से बनाए जा रहे वाटर टैंक के निर्माण में कंस्ट्रक्शन कंपनी पर घटिया स्तर की सामग्री का इस्तेमाल करने का आरोप का मामला सामने आने पर बुधवार को एसडीएम मनोज कुमार ने मौके पर पहुंच कर स्थिति का जायजा लिया। इसके बाद एसडीएम ने नगर परिषद के एक्सईएन अंकित वशिष्ट को कंस्ट्रक्शन कंपनी के प्रतिनिधि को आज ही गुड़गांव से मौके पर बुलाकर निर्माण सामग्री के सैंपल लेकर जांच के लिए भेजने तथा सैंपल नियमों पर खरे न उतरने पर कंपनी के खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई करने के निर्देश दिए। नगर परिषद एक्सईएन ने शाम 5 बजे बाद कंस्ट्रक्शन कंपनी के प्रतिनिधि की मौजूदगी में निर्माण सामग्री का तीन-चार स्थानों से सैंपल लेकर जांच के लिए भेजे।

बता दें कि वर्ष 2000 में विकसित किए गए शहर के हुडा सेक्टर में 22 साल बाद भी पीने के पानी के लिए वाटर टैंक का निर्माण नहीं हो पाया था। इसके चलते सेक्टर के लोगों को अक्सर पीने के पानी की समस्या से जूझना पड़ रहा था। सेक्टरवासी लगातार यहां वाटर टैंक का निर्माण करवाने के लिए संघर्ष कर रहे थे। सेक्टरवासियों के लंबे संघर्ष ने बाद हुडा प्रशासक ने करीब दो साल पहले यहां वाटर टैंक के निर्माण को मंजूरी देकर तथा गुड़गांव की कंपनी को टेंडर अलाॅट कर नवंबर 2020 में टैंक का निर्माण कार्य शुरू करवाया था। कंस्ट्रक्शन कंपनी को 4.40 करोड़ रुपए की लागत से 152 गुणा 27 मीटर लंबे-चौड़े तथा 3 मीटर गहरे वाटर टैंक का निर्माण करवाने का ठेका दिया गया था। करीब दो साल में कंपनी ने वाटर टैंक की तली को छोड़ कर शेष निर्माण कार्य पूरा करवा दिया है। अब कंपनी के कारिंदे इस वाटर टैंक में तली (फर्श) डालने का कार्य कर रहे हैं।
सेक्टर के बाशिंदों ने लगाए आरोप... न नियमानुसार सरिये लगाए, न सीमेंट डाली
हुडा वेलफेयर एसोसिएशन से जुड़े सुरेंद्र कुमार, महीपाल, रविंद्र कुमार, मनीष, धर्मबीर, अशोक कुमार, रणसिंह व राजेंद्र कुमार ने ठेकेदार के कारिंदों द्वारा वाटर टैंक के फर्श के निर्माण में बिना बेस बनाए ही दलदल मिट्टी पर मात्र 3 से 4 इंच की लेयर डाल कर निर्माण करने का आरोप लगाया था। उनका यह भी आरोप था कि ठेकेदार के कारिंदे नियमानुसार न सरिये लगाए जा रहे हैं और न ही नियमानुसार सीमेंट डाली जा रही है। इसके परिणाम स्वरुप 20 साल से संघर्ष के बाद बन रहा यह वाटर टैंक 20 महीने भी नहीं चल पाएगा। ताज्जुब की बात तो यह है कि 4.40 करोड़ रुपए की लागत से बन रहे इस वाटर टैंक में कैसी सामग्री इस्तेमाल हो रही है, यह देखने के लिए संबंधित विभाग का कोई अधिकारी मौके पर मौजूद नहीं रहता है। इससे लगता है कि अधिकारियों की मिलीभगत से ही सब गोलमाल चल रहा है।
एसडीएम ने मौके पर पहुंचकर निर्माण कार्य का जायजा लिया
हुडा सेक्टर के बाशिंदों ने हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण के अधिकारियों को लिखित शिकायत भेजकर वाटर टैंक के निर्माण में गोलमाल करने का आरोप लगा इसकी उच्च स्तरीय जांच की मांग की थी। इसके अलावा सेक्टर के बाशिंदों ने मीडिया के जरिए प्रशासन से भी इसकी शिकायत इसकी जांच की मांग उठाई थी। मामला प्रशासन के संज्ञान में आने के बाद बुधवार को 11 बजे एसडीएम मनोज कुमार ने मौके पर पहुंच कर निर्माण कार्य का जायजा लिया, परंतु ठेकेदार के मौके पर न होने के कारण सैंपल लेने की प्रक्रिया नहीं हो पायी। इसके चलते एसडीएम ने नगर परिषद के एक्सईएन अंकित वशिष्ठ को ठेकेदार को गुड़गांव से मौके पर बुलाकर आज ही निर्माण सामग्री के सैंपल लेकर जांच के लिए भेजने के निर्देश दिए थे। एक्सईएन ने ठेकेदार से संपर्क कर उसे नारनौल आने के आदेश दिए। ठेकेदार के शाम 5 बजे गुड़गांव से नारनौल पहुंचने पर उनकी मौजूदगी में सैंपल लेने की कार्रवाई पूरी की गई तथा उन्हें सील कर जांच के लिए भेजे गए।
खामी मिलने पर नियम के तहत कार्रवाई करेंगे
नारनौल हुडा सेक्टर में बनाए जा रहे वाटर टैंक के निर्माण में घटिया सामग्री का इस्तेमाल करने की शिकायत उन्हें एक दिन पहले मिली थी। इस मामले की जांच करवाई जा रही है। वाटर टैंक के निर्माण में यदि घटिया सामग्री का इस्तेमाल किया जा रहा है तो वह गलत है। जांच में दोषी पाए जाने पर नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।
महेंद्र सिंह यादव, कार्यकारी अभियंता, हुडा प्रशासक, नारनौल
Shantanu Roy

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