कुलपति प्रो. राजेंद्र कुमार अनायत ने कहा कि तीन छात्राओं का अमेरिका में पीएचडी में दाखिला हुआ है। ये छात्राएं अब अमेरिका में शोध करेंगी। देश के युवाओं में प्रतिभा की कमी नहीं है। युवा किसी भी देश की दिशा व दशा में बदलने में सक्षम होते हैं।
हरियाणा के सोनीपत में दीनबंधु छोटूराम विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (डीसीआरयूएसटी), मुरथल की भौतिकी विभाग की तीन छात्राओं का अमेरिका पीएचडी में दाखिला हुआ है। पीएचडी के दौरान तीनों छात्राओं को 32 लाख रुपये तक की स्कॉलरशिप भी मिलेगी। यही नहीं तीनों छात्राओं को पीएचडी के दौरान ट्यूशन व अन्य फीस भी नहीं देनी होगी। कुलपति प्रो. राजेंद्र कुमार अनायत ने तीनों को छात्राओं के उज्ज्वल भविष्य की कामना की।
विभागाध्यक्ष प्रो. रजनी शुक्ला व निदेशक अनुसंधान प्रो. सतीश खासा ने बताया कि विश्वविद्यालय की छात्रा विधि अब यूनिवर्सिटी ऑफ ह्यूस्टन से पीएचडी करेगी। विधि को 32 लाख रुपये की स्कॉलरशिप मिलेगी। विभाग की छात्रा शैलजा यूनिवर्सिटी ऑफ नॉर्थ टेक्सास से पीएचडी करेगी।
पीएचडी के दौरान शैलजा को 22 लाख रुपये स्कॉलरशिप मिलेगी। उन्होंने कहा कि विभाग की श्वेता का यूनिवर्सिटी ऑफ प्यूर्टो रिको में पीएचडी में दाखिला हुआ है। श्वेता को 16 लाख रुपये प्रतिवर्ष स्कॉलरशिप मिलेगी। श्वेता नैनो टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में शोध करेगी। उन्होंने कहा कि पीएचडी के दौरान तीनों छात्राओं को ट्यूशन व अन्य फीस नहीं देनी होगी।
49 विद्यार्थी नेट व जेआरएफ कर चुके उत्तीर्ण
पांच वर्षों में विश्वविद्यालय अनुदान आयोग द्वारा आयोजित की जाने वाली परीक्षा के दौरान फिजिकल साइंस में लगभग 49 विद्यार्थी जेआरएफ व नेट की परीक्षा की उत्तीर्ण कर चुके हैं। भौतिकी विभाग में नवीनतम उपकरणों से युक्त पांच प्रयोगशालाएं हैं। पिछले दिनों में शोध के लिए भौतिकी विभाग ने 1.5 करोड़ रुपये की लागत से बनी प्रयोगशाला प्रारंभ की थी, जिसका उद्घाटन कुलपति प्रो. राजेंद्र कुमार अनायत ने किया था।
विश्वविद्यालय की तीन छात्राओं का अमेरिका में पीएचडी में दाखिला हुआ है। ये छात्राएं अब अमेरिका में शोध करेंगी। देश के युवाओं में प्रतिभा की कमी नहीं है। युवा किसी भी देश की दिशा व दशा में बदलने में सक्षम होते हैं। युवाओं को शोध पर विशेष ध्यान देना चाहिए, ताकि हम आत्मनिर्भर होकर देश को समृद्ध बनाने में अपना योगदान दे सकें। शोधार्थी शोध करते समय पर्यावरण का विशेष ध्यान रखें। इस प्रकार का शोध करें, जिससे मानव का जीवन सुगम, सरल बने व शोध कल्याणकारी हो