हरियाणा

बहादुरगढ़ नगर परिषद में फिर सामने आया घोटाला, खाते से गायब हुए 50 लाख 35 हजार रुपए

Shantanu Roy
17 Sep 2022 4:03 PM GMT
बहादुरगढ़ नगर परिषद में फिर सामने आया घोटाला, खाते से गायब हुए 50 लाख 35 हजार रुपए
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बड़ी खबर
बहादुरग। बहादुरगढ़ नगर परिषद में एक बार फिर से घोटाला सामने आया है। इस बार नगर परिषद के खाते से लाखों रुपए गायब हो गए हैं। नगर परिषद ने शहरी स्थानीय निकाय निदेशक को चिट्ठी लिखकर इस संबंध में अवगत करवाया है। नगर परिषद ने लिखी चिट्ठी में बताया है कि 11 केवी हाईटेंशन लाइन हटाने के लिए सरकार द्वारा 4 करोड़ 93 लाख 23 हजार रुपये भेजे गए थे लेकिन उसमें से 4 करोड़ 42 लाख 88 हजार का ही हिसाब नगर परिषद के खातों में मिल पाया है। 50 लाख से ज्यादा की यह राशि कहां गई। नगर परिषद के अधिकारियों को इस बात का पता नहीं है। इंडियन नेशनल लोकदल के नेता कपूर सिंह राठी ने इस संबंध में कार्रवाई की मांग की है।
कपूर सिंह राठी का कहना है कि साल 2016 में बहादुरगढ़ शहर के लाइन पर क्षेत्र की कॉलोनियों के घरों से ऊपर से गुजर रही हाईटेंशन तारों को हटाने के लिए ग्रांट नगर परिषद को मिली थी। नगर परिषद व बिजली विभाग के बीच इस संबंध में कई बार पत्र व्यवहार भी हुआ लेकिन नगर परिषद की ओर से यह पैसा हाईटेंशन तार हटाने के लिए बिजली विभाग को नहीं दिया गया। जानबूझकर इस मामले में नगर परिषद के अधिकारी देरी करते रहे। 28 अप्रैल 2022 को बहादुरगढ़ नगर परिषद की ओर से शहरी स्थानीय निकाय को पत्र लिखकर पैसे गायब होने के बारे में सूचना दी गई थी लेकिन अब तक ना तो सरकार बता पाई कि पैसा आखिर कैसे गायब हुआ और ना ही स्थानीय अधिकारी ढूंढ पाए कि आखिर इतनी बड़ी रकम आखिर गई कहां। कपूर राठी का कहना है कि पैसे का गबन करने वाले लोगों की पहचान होनी चाहिए और एफ आई आर दर्ज कर दोषियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई करनी चाहिए।
बता दें कि हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने बहादुरगढ़ के लाइनपार क्षेत्र से हाईटेंशन तार हटाने के लिए यह राशि भिजवाई थी। बहादुरगढ़ के शंकर गार्डन, विकास नगर, जोहरी नगर, पटेल पार्क और फ्रेंड्स कॉलोनी में रहने वाले लोगों के घरों के ऊपर से हाईटेंशन तारें गुजर रही है। जिसकी वजह से लोग परेशान हैं। बहादुरगढ़ नगर परिषद के खाते से प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत लोगों को दी जाने वाली 88 लाख रुपए की रकम भी गायब हो चुकी है। जो अब तक नहीं मिली और अब हाईटेंशन तार हटाने के लिए भेजे गए रुपयों का पता भी नगर परिषद के अधिकारी नहीं लगा पा रहे है। ऐसे में भ्रष्टाचार पर नकेल कसने का दम भरने वाली प्रदेश की बीजेपी सरकार आखिर इस मुद्दे पर क्या कदम उठाती है यह देखने वाली बात होगी।
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