हरियाणा

रेलवे : बुलेट ट्रेन परियोजना के प्रभारी सतीश अग्निहोत्री बर्खास्त

Rani Sahu
7 July 2022 4:07 PM GMT
रेलवे : बुलेट ट्रेन परियोजना के प्रभारी सतीश अग्निहोत्री बर्खास्त
x
रेलवे ने नेशनल हाई-स्पीड रेल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (एनएचएसआरसीएल) के प्रबंधक निदेशक सतीश अग्निहोत्री की सेवाएं समाप्त कर दी हैं

नई दिल्ली : रेलवे ने नेशनल हाई-स्पीड रेल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (एनएचएसआरसीएल) के प्रबंधक निदेशक सतीश अग्निहोत्री की सेवाएं समाप्त कर दी हैं. वह सरकार की महत्वाकांक्षी 'बुलेट ट्रेन' परियोजना के प्रभारी थे. वरिष्ठ अधिकारियों ने गुरुवार को यह जानकारी दी. अधिकारियों ने बताया कि अग्निहोत्री का प्रभार एनएचएसआरसीएल के परियोजना निदेशक राजेंद्र प्रसाद को तीन महीने के लिए सौंपा गया है.

एनएचएसआरसीएल, भारत सरकार और हाई-स्पीड रेल परियोजनाओं के क्रियान्वयन के लिए भागीदार राज्यों का एक संयुक्त उद्यम है. यह मुंबई और अहमदाबाद के बीच सरकार की महत्वाकांक्षी बुलेट ट्रेन परियोजना की क्रियान्वयन एजेंसी है. रेलवे के वरिष्ठ अधिकारियों ने बताया कि अग्निहोत्री के खिलाफ आधिकारिक पद के दुरुपयोग और अनधिकृत तरीके से धन को एक निजी कंपनी को भेजने सहित कई आरोप हैं.
लोकपाल अदालत ने सीबीआई को 'यह पता लगाने का निर्देश दिया था कि अग्निहोत्री के खिलाफ क्या भ्रष्टाचार रोकथाम अधिनियम, 1988 के तहत कोई अपराध का मामला बनता है' और जांच रिपोर्ट लोकपाल कार्यालय को छह महीने में या 12 दिसंबर 2022 से पहले सौंपने को कहा था. एनएचएसआरसीएल के कंपनी सचिव को संबोधित रेलवे बोर्ड के सात जुलाई के पत्र में कहा गया है, 'सक्षम प्राधिकार ने सतीश अग्निहोत्री की सेवाएं समाप्त करने को मंजूरी दे दी है. उन्हें तत्काल प्रभाव से सेवामुक्त किया जाता है.'
अधिकारियों ने यह भी आरोप लगाया है कि अग्निहोत्री ने अपनी सेवानिवृत्ति के एक साल के अंदर एक निजी कंपनी में नौकरी शुरू कर दी. यह सरकार के उन नियमों का उल्लंघन है जो सेवानिवृत्त अधिकारियों को सेवानिवृत्त होने के बाद केंद्र की अनुमति के बगैर एक साल से पहले कोई वाणिज्यिक नियुक्ति स्वीकार करने से निषिद्ध करता है.
आरोपों से किया इनकार : अग्निहोत्री के करीबी सूत्रों ने बताया कि वरिष्ठ नौकरशाह ने सभी आरोपों से इनकार किया है और कहा कि उन्होंने किसी खास कंपनी को फायदा नहीं पहुंचाया और ना ही उनका बेटा इस तरह की किसी कंपनी में काम करता है जिसे कार्य सौंपे गए थे. उन्होंने बताया कि अग्निहोत्री ने यह भी कहा है कि उन्होंने कार्मिक विभाग को पत्र लिखकर कंपनी में नौकरी शुरू करने से पहले एक साल की 'कूलिंग ऑफ' (किसी निजी कंपनी में नौकरी नहीं करने की) अवधि में छूट देने का आग्रह किया था. संपर्क किए जाने पर अग्निहोत्री ने इस विषय पर कुछ भी बोलने से इनकार कर दिया.
अधिकारियों ने बताया कि अग्निहोत्री को एनएचएसआरसीएल के प्रमुख के तौर पर प्रतिष्ठित पद मिलने के बाद उनके एक 'बैचमेट' ने उनके खिलाफ शिकायत की थी. अग्निहोत्री, 1982 बैच के आईआरएसई (इंस्टीट्यूशन ऑफ रेलवे सिग्नल इंजीनियर्स) अधिकारी हैं. वह रेलवे विकास निगम लिमिटेड के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक रह चुके हैं. वह हाई-स्पीड रेल कॉरपोरेशन लिमिटेड की जुलाई 2012 में स्थापना होने से लेकर अगस्त 2018 तक इसके अध्यक्ष पद पर भी रह चुके हैं. यह आरवीएनएल की एक पूर्ण अनुषंगी कंपनी है.अग्निहोत्री को सेवा से बर्खास्त करने का आदेश जारी करने वाले रेलवे ने उनके खिलाफ लगे आरोपों पर आधिकारिक रूप से टिप्पणी करने से इनकार कर दिया है.


Rani Sahu

Rani Sahu

    Next Story