हरियाणा

पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने 2017 में नियुक्त लगभग 1259 जेबीटी टीचर की नियुक्ति को अवैध करार दिया

Ritisha Jaiswal
21 July 2022 4:52 PM GMT
पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने 2017 में नियुक्त लगभग 1259 जेबीटी टीचर की नियुक्ति को अवैध करार दिया
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पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने बुधवार को एक महत्वपूर्ण फैसले में 2017 में नियुक्त लगभग 1259 जेबीटी टीचर की नियुक्ति को अवैध करार दिया.

पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने बुधवार को एक महत्वपूर्ण फैसले में 2017 में नियुक्त लगभग 1259 जेबीटी टीचर की नियुक्ति को अवैध करार दिया. इस मामले में याची पक्ष के वकील ने बताया कि हाईकोर्ट ने तीन महीने में इन अध्यापकों को नोटिस जारी कर बर्खास्त करने का आदेश दिया है. कोर्ट ने इन पदों पर विज्ञापन जारी होने की तिथि के दिन योग्य उम्मीदवारों को भर्ती करने का निर्देश दिया, साथ ही कहा कि यदि भर्ती के बाद भी कुछ पद रिक्त रहते है तो भर्ती के दिन योग्य रहे उम्मीदवार जो परिणाम में प्रतीक्षा सूची में हों उन्हें नियुक्त किया जाए. वहीं जो पद खाली रह जाएंगे उनको दोबारा विज्ञापिन के जरिए नए सिरे से भर्ती प्रक्रिया शुरू कर पूरा किया जाए.

जानकारी के अनुसार हरियाणा सरकार ने 2012 में 8760 जेबीटी टीचरों की भर्ती के लिए विज्ञापन जारी किया था. इस भर्ती के लिए कट ऑफ डेट 11 दिसम्बर 2012 थी. इस भर्ती में केवल वही उम्मीदवार योग्य थे जिन्होंने अध्यापक राज्य पात्रता परीक्षा पास की थी. हरियाणा सरकार ने 2012 में अध्यापक राज्य पात्रता परीक्षा आयोजित नहीं कि जिस कारण कट आफ डेट तक इस भर्ती में केवल वही उम्मीदवार आवेदन कर सके जिन्होंने 2011 में परीक्षा पास की थी. इस बीच हरियाणा सरकार ने अप्रैल 2013 में राज्य पात्रता परीक्षा आयोजित कर दी, सरकार का कहना था कि प्रशासनिक कारणों से 2012 में अध्यापक राज्य पात्रता परीक्षा आयोजित नहीं हो सकी. इसलिए अब अप्रैल 2013 में जो परीक्षा हो रही है वह अध्यापक राज्य पात्रता परीक्षा 2012 की है
इसी बीच हाई कोर्ट में काफी संख्या में याचिका दायर की गईं कि सरकार ने 2012 में अध्यापक राज्य पात्रता परीक्षा नहीं ली और अब सरकार परीक्षा ले रही है. इसलिए उनको इस भर्ती में भाग लेने की इजाजत दी जाए. कोर्ट ने ऐसे उम्मीदवारों को 2013 प्रोविजनल तौर पर परीक्षा में भाग लेने की इजाजत दे दी. इस बीच अध्यापक राज्य पात्रता परीक्षा का परिणाम घोषित हो गया और काफी संख्या में प्रोविजनल तौर पर भाग लेने वाले उम्मीदवारों ने परीक्षा पास कर ली. अब टीचर भर्ती बोर्ड के पास दो तरह के उम्मीदवार थे एक वो जो कट ऑफ डेट 11 दिसंबर 2012 के दिन पद के लिए योग्य थे. दूसरे जिन्होंने कटऑफ डेट के बाद अध्यापक पात्रता परीक्षा 2013 में पास की.









टीचर भर्ती बोर्ड ने जेबीटी भर्ती का परीक्षा का परिणाम घोषित कर केवल कटऑफ डेट के दिन योग्य उम्मीदवारों को नियुक्ति देने का फैसला लिया और उनकी नियुक्ति के आदेश जारी कर दिए. इस बीच कटऑफ डेट के बाद 2013 में परीक्षा पास करने वाले उम्मीदवार जिन्होंने जेबीटी भर्ती की परीक्षा में अच्छे अंक लिए कोर्ट में केस दायर कर कहा कि उनके अंक कटऑफ डेट को योग्य उम्मीदवारों से ज्यादा है इसलिए एक संयुक्त योग्यता सूची बना कर नियुक्त दी जाए. इस दौरान सरकार की तरफ से कोर्ट में आश्वासन दिया कि राज्य में टीचर की काफी पद खाली है और वह दोनों सूची के उम्मीदवारों को नियुक्ति दे देगी. इस पर कोर्ट ने कहा कि सरकार संयुक्त मेरिट लिस्ट बना कर नियुक्ति दे सकती है लेकिन विज्ञापन में तय पदों से ज्यादा पदों पर नही है. कोर्ट ने यह भी साफ कर दिया कि कटऑफ के बाद योग्य हुए उम्मीदवारों की नियुक्ति इस याचिका के अंतिम फैसले पर निर्भर करेगी.

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इसके बाद जब सरकार ने संयुक्त योग्यता सूची जारी की तो पहली सूची जो कटऑफ डेट के दिन योग्य उम्मीदवार थे वो काफी संख्या में भर्ती से बाहर हो गए और सरकार ने उनको नोटिस देकर उनकी सेवा समाप्त कर दी और प्रतीक्षा सूची के उम्मीदवार भी बाहर हो गए. संयुक्त योग्यता सूची से प्रभावित उम्मीदवार जो कट आफ डेट के दिन योग्य थे ने हाई कोर्ट में याचिका दायर कर आरोप लगाया कि कटऑफ डेट के बाद आवेदन करने वाले उम्मीदवारों को नियुक्त देना कानूनन गलत है. इसलिए इनकी नियुक्ति रद्द कर उनको नियुक्त दी जाए.

हाईकोर्ट ने कहा कि कटऑफ डेट के बाद के उम्मीदवारों को मौका देना सरकार का गलत निर्णय था. कोर्ट ने सरकार के उस आदेश को गलत करार दिया जिसके तहत कटऑफ डेट के दिन योग्य चयनित टीचर को हटा कर दूसरी सूची के उम्मीदवारों को नियुक्ति दे दी थी. कोर्ट ने हटाए गए सभी टीचर को नियुक्ति, वरिष्ठता क्रम व वित्तीय लाभ भी अप्रैल -मई 2017 के दिन से देने का आदेश दिया.


Ritisha Jaiswal

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