रोहतक क्राइम न्यूज़: साइबर टीम ने फर्जी बेबसाइट बनाकर ठगी करने वाले गिरोह का खुलासा किया है। गिरोह के एक सदस्य को बिहार से गिरफ्तार करते हुए पांच दिन के रिमांड पर लिया है। मामले की जांच की जा रही है। टीम गिरोह के अन्य सदस्यों की तलाश में छापेमारी कर रही है। साइबर थाना के निरीक्षक कुलदीप सिंह ने बताया कि जुलाई माह में देव कालोनी निवासी नीरु ने शिकायत दर्ज करवाई। जांच मे सामने आया कि नीरु ने अपना एचडीएफसी बैंक से डेबिट कार्ड बनवाया था, जो ब्लू डार्ट साइट द्वारा भेजा जाना था। शिकायतकर्ता ने ब्लू डार्ट साइट के कस्टमर केयर के मोबाइल पर कॉल किया जो किसी ने नहीं उठाया। इसके तुरंत बाद अन्य मोबाइल नम्बर से कॉल आई। नीरु ने अपने डेबिट कार्ड के आने मे देरी का कारण पूछा। राहुल शर्मा ने खुद को ब्लू डार्ट साइट कम्पनी का कर्मचारी बताते हुए नीरु को ऑनलाइन शिकायत दर्ज करने के लिए कहा। इसके अलावा शिकायत की फीस 5 रुपये ऑनलाइन जमा करने के लिए कहा। आरोपित ने इस दौरान यूपीआई आईडी की सारी डिटेल ले ली। इसके बाद नीरु के व्हाटसएप पर नीरु के नाम से ऑनलाइन शिकायत की फाइल भेजी। नीरु ने अपने बैंक खाते का पूरा विवरण, यूपीआई आईडी का पासवर्ड भर दिया। राहुल ने कई देर तक फोन को होल्ड पर रखा। इसी दौरान नीरु ने अपने फोन के मैसज चैक किए तो उसके खाते से करीब एक लाख रुपये निकाले जा चुके थे।
टीम ने छापेमारी करते हुए आरोपित नितीश निवासी गांव तुलाबीघा जिला जहानाबाद को गिरफ्तार किया। आरोपित के फोन नम्बर की जांच की गई तो वह पश्चिमी बंगाल के नाम के व्यक्ति की फर्जी आईडी पर पाया गया। बैंक खाते की पूरी जांच पड़ताल की गई। नीरू के खाते से पैसे कटकर किसी सुनीता नाम की महिला के खाते में भेजे गए थे। सुनीता का खाता फर्जी पाया गया। फर्जी तरीके से खुलवाए गए बैंक व फर्जी आइडी की सिम कार्ड में आरोपितों के फोटो मिले। साइबर टीम ने आरोपितों की शिनाख्त के लिए झारखंड़ व कोलकत्ता में छापेमारी की। टीम के निरीक्षक धनवीर, एएसआई सुनील कुमार, एएसआई संदीप व सिपाही नवीन जहानाबाद बिहार में ठहरकर 8 दिन तक आरोपितों के फोटो के आधार पर शिनाख्त के प्रयास करते रहे। 4 सितम्बर को कड़ी मेहनत के बाद आरोपित नितीश को काबू किया गया।
नितीश किसी भी आमजन के आधार कार्ड नम्बर का प्रयोग कर आधार कार्ड पर अपना खुद का फोटो लगाकर आधार कार्ड बनवा लेता था। फर्जी आधार कार्ड से नितीश सिम कार्ड खरीद लेता था। इसके बाद वह अपने गिरोह में शामिल अन्य साथियों के साथ मिलकर फर्जी दस्तावेजो से बैंक में खाता खुलवाकर आमजन से ठगी करने वाले गिरोह को दे देते थे। ठगी करने वाला गिरोह आमजन से ठगी कर रुपयों को उनके दिए बैंक खातों में ट्रांसफर करते थे। नितीश बैंक खातों से रुपये निकालकर अपने हिस्से की रकम को रख कर ठगी करने वाले गिरोह को देता था। आरोपिताें से करीब 25 लाख की ठगी करने का खुलासा हुआ है।