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हिसार। निकटवर्ती गांव रामायण के पास पेट्रोल (Petrol) पंप के मालिक रोशन लाल ने भाजपा नेता एवं अन्य पर प्रताड़ना का आरोप लगाकर सुसाइड कर लिया. पंप मालिक ने दो दिन पूर्व रात के समय अपने घर पर जहरीला पदार्थ निगला था. वह आदमपुर की सीसवाल नहर के पास पड़ा था. उसे अग्रोहा मेडिकल कॉलेज में दाखिल करवाया था जहां बुधवार (Wednesday) रात को रोशन लाल की मौत हो गई. पुलिस (Police) मामले की जांच कर रही है.
मरने से पहलेे पंप संचालक ने सुसाइड नोट में जिले के एक भाजपा नेता का नाम लिखा है. मामला पंप में हिस्सेदारी को लेकर था. भाजपा नेता के पास पंप मालिक के खाली चैक थे, जिसे वह बैंक (Bank) में लगाने की धमकी देता था और वह इन चैकों का दुरुपयोग कर रहा था. सुसाइड में उसने लिखा है कि जब उसने राधे कृष्ण नाम से पेट्रोल (Petrol) पंप खोला था तो उस समय भाजपा नेता मंदीप मलिक ने खाता खोला था जो कि सेविंग अकाउंट था. फिर मंदीप ने उस खाते की चेक बुक इश्यू करवाई, जो कि मैं बैंक (Bank) में लिखकर दे आया था. फिर मेरी चेक बुक आ गई. इसके बाद मंदीप ने मुझसे इस चैक बुक से तीन चैक ब्लैंक साइन किए हुए ले लिए. उसके बाद हमारे बाकी चैक से पंप के काम लिए, जो चैक उसने लिए मैंने उसका सारा हिसाब कर दिया.
मंदीप ने कहा कि अभी उसके पास आपके तीन ब्लेंक चैक रखे हैं. वह इन चैकों को किसी और को देकर कोर्ट के हिसाब से पैसे लेकर रहूंगा. मैंने उसका हिसाब 4 जून 2021 को चार लाख रुपए देकर कर दिया था. वह हिस्सा मेरी बहन ने ले लिया था, जिसमें उनके साइन व फोन नंबर लिखे हैं. अगर मंदीप ने किसी आदमी को फोन करके कहा मैं यह चैक लगा रहा हूं. अगर आप ने साथ आना है तो मैं आपको हिस्सा दे दूंगा. मगर उस आदमी ने मना कर दिया. फिर उसने चैक किसी और को जिसको मैं कभी जानता नहीं हूं, देकर उन्हें बाउंस करवाकर मेरे पास सम्मन भेज दिए.
पंप संचालक के अनुसार अब भाजपा नेता उसके ऊपर बार बार दबाव बना रहा है कि अभी तो मैंने पैसे और लेने हैं. जब तक आप जिंदा रहोगे, तब तक मैं आपका पीछा छोड़ने वाला नहीं हूं. क्योंकि आप तो मेरे कमाऊ पूत थे. उसने कभी भी पूंजी पंप पर नहीं लगाई और जो लगाई शुरू शुरू में तीन लाख रुपए केवल. जब भी सप्लाई आती तो उसने कोई पैसा नहीं दिया. उसका काम डरा- धमकाकर पैसे निकालना था. वह 2012 से लेकर अब तक 20 से 25 लाख रुपए पंप से निकाल कर ले गया. उसने लिखा है कि अब वह मंदीप मलिक के डर से आत्महत्या कर रहा है. उसके साथ जयेश बगा जिम्मेदार है. मंदीप मलिक भाजपा का नेता है और वह कहता है कि यदि आपने पैसे नहीं दिए तो हमारे से बुरा आपके लिए कोई नहीं होगा. सारे परिवार को उठा लेंगे. इसलिए अत्यंत दुखी होकर मैंने यह कदम उठाया है.
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