सरकारी अस्पतालों में मरीजों को ना दवाईयां मिल रहीं, ना इलाज
चंडीगढ़। बीजेपी-जेजेपी सरकार प्रदेश के शिक्षा और स्वास्थ्य तंत्र को पूरी तरह बर्बाद करना चाहती है। इसीलिए ना स्कूलों में टीचर्स उपलब्ध करवाए जा रहे हैं और ना ही अस्पतालों में डॉक्टर व अन्य स्टाफ। यह कहना है पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा का। हुड्डा फतेहाबाद के जाखल मंडी स्थित मॉडल संस्कृति सीनियर सेकेंडरी स्कूल में चल रही विद्यार्थियों की भूख हड़ताल पर प्रतिक्रिया दे रहे थे। यहां पर शिक्षकों की मांग को लेकर छात्र-छात्राएं कई दिन से भूख हड़ताल पर बैठे हैं। स्कूल में 33 में से आधे 16 टीचर्स के पद खाली पड़े हुए हैं। लेकिन सरकार इस तरफ कोई ध्यान नहीं दे रही। हुड्डा ने कहा कि इससे पहले टीचर्स की मांग को लेकर ही मुख्यमंत्री के निर्वाचन क्षेत्र वाले करनाल में छोटे-छोटे बच्चों को भीषण गर्मी में पैदल मार्च करना पड़ा था। प्रदेश के इतिहास में यह पहली बार हो रहा है कि छोटे-छोटे बच्चों को पैदल मार्च और भूख हड़ताल करनी पड़ रही है। ऐसा इसलिए हो रहा है क्योंकि प्रदेश के स्कूलों में अध्यापकों के लगभग 50 हजार पद खाली पड़े हुए हैं। पिछले 8 साल में सरकार ने जेबीटी की एक भी भर्ती नहीं निकाली। टीचर्स नहीं होने की वजह से से सरकारी स्कूलों से अभिभावक किनारा कर रहे हैं। सरकारी स्कूलों में लगातार विद्यार्थियों की संख्या घटती जा रही है। पिछले साल पहली कक्षा के लिए 2,29,315 बच्चों ने रेजिस्ट्रेशन करवाया था, जो इसबार घटकर 1,23,624 रह गया है। विद्यार्थियों की संख्या में इतनी गिरावट सरकार की नाकामी का जीता जागता सबूत है।