ब्रेकिंग न्यूज़: सनौली। गांवों के विकास पर करोड़ों खर्च के बाद भी सनौली-बापौली ब्लॉक के दर्जनों गांवों की गलियों में गंदे पानी की निकासी नहीं हो पा रही है। इससे ग्रामीण परेशान हैं। वही संबंधित पंचायत विभाग और प्रशासन भी इस समस्या पर कोई ध्यान नहीं दे रहा है। इन गलियों में भरे गंदे पानी से निकलना लोगों के लिए दूभर हो चुका है। गंदगी से गांवों में बीमारियां फैलने का डर बना है। इन गांवों में रामडा-आर, सनौली खुर्द, मौहाली, नन्हेड़ा, जलालपुर, अधमी, गोयला, जलमाना, डाडौला, संजौली, ताहरपुर आदि में पिछले तीन वर्षों से लगातार मानसून के दौैरान निकासी की समस्या बरकरार है। ग्रामीणों को तालाब के पानी से निकासी से अभी छुटकारा नहीं मिला था कि अब बरसाती पानी गलियों में भर रहा है ग्रामीण महाबीर, कृष्ण, नरेश, संदीप कुमार, सुमित, सुनील कुमार, कृष्ण पाल, रामेहर, राजेश, बलवान, सुरेश, महासिंह, राजपाल, सुखपाल, बलबीर, सतीश, रेखा, पिंकी, नीलम, कोमल, संगीता, मीना, कमलेश, ममता, सुमन आदि ने बताया कि उनके गांव का कभी सुधार होगा भी या नहीं या फिर लोगों को ऐसे ही परेशान रहना पड़ेेेगा।
कई बार बीडीपीओ, डीसी, विधायक से मिलकर गंदे पानी की निकासी की समस्या हल कराने की मांग कर चुके हैं, लेकिन फिर भी उनकी समस्या का कोई भी समाधान नहीं हो रहा है। बरसात से निर्मल गांव सनौली खुर्द के गंदे नाले से पानी ओवरफ्लो होने से पशु अस्पताल के अंदर भर गया है। पांच गांवों के इस पशु अस्पताल में भरे गंदे पानी से पशु चिकित्सक और कर्मचारियों का पशु अस्पताल के अंदर आना भी मुश्किल हो गया है। वहीं जोहड़ का गंदा पानी गांव में जलघर के अंदर जमा होने लगा है। गलियों से लेकर मेन अड्डे, फिरनी और अनाज मंडी के पास गंदे पानी की निकासी व्यवस्था ठप है। इसके विरोध में ग्रामीणों में खंड प्रशासन के प्रति रोष जाहिर करते हुए प्रदर्शन भी किया। मांग की कि समस्या का समाधान करवाया जाए। इस बारे में बीडीपीओ पंचायत अफसर प्रमोद कुमार का कहना है कि गांवों में गंदे पानी की निकासी का जायजा लेकर जल्द ही समस्या हल कराई जाएगी।