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सोनीपत। झमाझम बरसात होती बरसात किसानों के लिए परेशानी का सबब बन गई भारी संख्या में धान भीग गया तरपालों की कमी के कारण धान भीग गया आवक ज्यादा भी खरीद कम हुई। इससे किसानों को आर्थिक नुकसान हुआ है। किसानों के सामने संकट तो यह है कि खेत से लेकर मंडी तक किसानों को अपनी फसल को बचाने के लिए मशक्कत करनी पड़ रही है। सोनीपत मार्किट कमेटी के व्यवस्थाओं के लेकर किए गए दावों के बावजूद मंडी में लगभग तीन हजार बैग धान भीग गया। धान की खरीद की गति धीमी रही और दिन भर में करीब तीन हजार क्विंटल धान की ही खरीद हो सकी और लगभग इतना ही धान बिना बिके रह गया। कई किसानों ने तो भाव ठीक न लगने के कारण भी अपना धान नहीं बेचा। ऐसे में अगर बरसात का दौरा अगले दो से तीन दिनों तक बना रहा तो किसानों को काफी आर्थिक नुकसान झेलना पड़ सकता है। किसानों ने रोष प्रकट करते हुए बताया कि धान को ढकने के लिए उन्हें खुद के तिरपालों का ही इस्तेमाल करना पड़ रहा है।
एक सौ से अधिक गेटपास कटे, 3451 रुपए प्रति क्विंटल लगी अधिकतम बोली रही। दिनभर मंडी में करीब सात से आठ हजार बैग धान पहुंचा। शनिवार को धान की किस्म 1509 की अधिकतम बोली 3451 रुपए प्रति क्विंटल तक लगी। हालांकि कुछ किसानों को धान में अधिक नमी होने की वजह से मजबूरी में 2051 रुपए प्रति क्विंटल तक अपना धान बेचना पड़ा। कुछ किसानों ने धान का भाव कम लगने पर नहीं बेचा। किसान बोले शनिवार को हुई बरसात से काफी नुकसान हुआ है। मंडी में फसल लेकर आए अच्छा भाव नहीं मिला है। धान भीग गया है। खरीदार काफी कम आए। शैड के नीचे जमा धान का उठान समय पर होता तो किसानों को अधिक मात्रा में धान नहीं भीगता। सोनीपत, मार्किट कमेटी के सचिव जितेन्द्र ने बताया कि बरसात को देखते हुए मार्किट कमेटी की तरफ से जरूरी दिशा-निर्देश जारी किए गए। तिरपाल की व्यवस्था भी की। बरसात के कारण शनिवार को मंडी में धान की आवक कम रही। करीब 3 हजार क्विंटल धान की खरीद की गई है। किसानों को किसी प्रकार की परेशान को दूर करने कारगर कदम उठाए गए हैं।
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