हरियाणा

नौकरी लगवाने के नाम पर ठगी कर करते थे ऑनलाइन सट्टेबाजी, 100 खाते सीज, 1.40 करोड़ रुपये फ्रीज

Deepa Sahu
4 April 2022 1:45 PM GMT
नौकरी लगवाने के नाम पर ठगी कर करते थे ऑनलाइन सट्टेबाजी, 100 खाते सीज, 1.40 करोड़ रुपये फ्रीज
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हरियाणा के महेंद्रगढ़ जिले में पुलिस ने नौकरी लगवाने के नाम पर युवाओं से पैसे लेकर ऑनलाइन सट्टेबाजी करने वाले गिरोह का पर्दाफाश किया है।

हरियाणा के महेंद्रगढ़ जिले में पुलिस ने नौकरी लगवाने के नाम पर युवाओं से पैसे लेकर ऑनलाइन सट्टेबाजी करने वाले गिरोह का पर्दाफाश किया है। चार आरोपियों की गिरफ्तारी करने के बाद सोमवार को पुलिस प्रवक्ता सुमित कुमार ने गिरोह का खुलासा करते हुए बताया कि आरोपी हरियाणा पुलिस, फूड कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया और कोर्ट समेत अन्य विभागों में नौकरी दिलवाने के नाम पर अब तक करोड़ों रुपये की ठगी कर ऑनलाइन सट्टेबाजी कर चुके हैं।

आरोपियों की पहचान परीक्षित, निवासी नांगल हरनाथ, धोलाराम उर्फ धोलिया निवासी कुराहवटा, जिला महेंद्रगढ़, रवि झांझड़िया, निवासी जयपुर, राजस्थान और प्रदीप निवासी चिड़ावा, जिला झूंझूनु, राजस्थान के रूप में हुई है। आरोपी बेरोजगार युवाओं को नौकरी दिलाने के नाम पर पैसे लेने के बाद फर्जी नियुक्ति पत्र जारी कर देते थे। युवाओं से मिले पैसे को ऑनलाइन सट्टेबाजी में लगाते थे।
महेंद्रगढ़ के गांव बचीनी निवासी अश्वनी कुमार ने 29 अक्तूबर 2021 को सदर थाना महेंद्रगढ़ में हरियाणा पुलिस में एसआई की नौकरी लगवाने के नाम पर धोखाधड़ी होने की शिकायत दर्ज करवाई थी। जिस पर पुलिस ने मामला दर्ज करचार आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस ने सबसे पहले आरोपी परीक्षित को उसी दिन गिरफ्तार कर लिया था। उसके पास से ढाई लाख रुपये बरामद हुए थे। पूछताछ के बाद पुलिस ने आरोपी से उसके दिल्ली के द्वारका स्थित कार्यालय से लैपटॉप, फर्जी नियुक्ति पत्र और काफी संख्या में युवाओं के आधार कार्ड, पैन कार्ड, अंकपत्र और अन्य कागजात बरामद किए थे। पुलिस जांच में पता चला था कि परीक्षित ने अपना फूड कॉरपोरेशन इंडिया का फर्जी नियुक्ति पत्र बनाया हुआ था। उसने परिवार वालों को बताया था कि वह एफसीआई में नौकरी करता है। पुलिस ने आरोपी का फर्जी नियुक्ति पत्र भी जब्त कर लिया था।

आरोपी साथी के साथ मिलकर बनाता था फर्जी नियुक्त पत्र
पुलिस की जांच में सामने आया था कि परीक्षित ने एक गिरोह तैयार किया है जो फर्जी नियुक्ति पत्र तैयार करता था। पुलिस ने गिरोह के सदस्य रवि झांझड़िया को जयपुर से गिरफ्तार कर उसके पास से 10 लाख रुपये बरामद किए थे। इसके अलावा धोलाराम उर्फ धोलिया व प्रदीप को भी गिरफ्तार किया था। प्रदीप के पास से एक लाख 60 हजार रुपये बरामद हुए थे। धोलाराम से पूछताछ में पुलिस को पता चला था कि वह लोगों से पैसे की उगाही करता और उसे सरगना द्वारा बताए गए खातों में भेजता था।

गिरोह ने 22 लोगों से ठगे एक करोड़ 60 लाख रुपये
पुलिस प्रवक्ता के अनुसार गिरोह के सदस्यों ने 22 लोगों से नौकरी लगवाने के नाम पर करीब 1 करोड़ 60 लाख रुपये की ठगी की है। पुलिस ने आरोपियों से अब तक करीब 14 लाख रुपये बरामद करते हुए उनके करीब 100 खातों को सील करवाकर 1 करोड़ 40 लाख रुपये फ्रीज करवाई है। इस मामले में गिरफ्तार सभी आरोपियों को सलाखों के पीछे भेजा का चुका है। पुलिस के अनुसार मामले में अभी और गिरफ्तारियां होनी बाकी हैं।

लोगों से पैसे ठगकर आरोपी करते थे ऑनलाइन सट्टेबाजी
पुलिस की पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि वे लोगों से नौकरी लगवाने के नाम पर ठगे गए पैसों को ऑनलाइन सट्टे में लगाते थे। आरोपी मोबाइल एप के माध्यम से सट्टा लगाते थे। पुलिस की जांच में सामने आया कि गिरोह में सोशल मीडिया के माध्यम से करीब 70 हजार लोग जुड़े हुए हैं। गिरोह का नेटवर्क जयपुर, मुंबई तक फैला हुआ है। गिरोह के सदस्यों का किसी बड़े गिरोह के साथ होने से भी इनकार नहीं किया जा सकता है। पुलिस ने गिरोह पर जुआ अधिनियम के तहत अलग से मामला दर्ज किया हुआ है।

25 लाख रुपये तय हुआ था सौदा
अश्वनी ने पुलिस को दी शिकायत में बताया था कि परीक्षित निवासी नांगल हरनाथ और उसके एक रिश्तेदार से हरियाणा पुलिस में उप निरीक्षक की नौकरी लगवाने के लिए 25 लाख रुपये में सौदा तय हुआ था। आरोपियों ने दावा किया था कि नौकरी नहीं लगने पर 10 दिन में पैसे लौटा देंगे। अश्वनी ने बताया कि वह एक दिन 14 लाख रुपये खाते में ट्रांसफर किए थे। इसके बाद अलग-अलग समय पर कभी खाते में तो कभी ऑनलाइन पैसे ट्रांसफर किए थे। उसने बताया कि वह आरोपियों को 22.50 लाख रुपय दे चुका था। इसके बाद आरोपियों ने न तो उसकी नौकरी लगवाई और न ही रुपये लौटाए। पैसे मांगने पर जान से मारने की धमकी दी।


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