हरियाणा

बच्ची को गोद लेने की सूचना मिलने पर किन्नरों के घर गई बाल आयोग की टीम, जानें मामला

Kunti Dhruw
13 Jan 2022 8:32 AM GMT
बच्ची को गोद लेने की सूचना मिलने पर किन्नरों के घर गई बाल आयोग की टीम, जानें मामला
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हरियाणा के जींद जिले में किन्नर समाज द्वारा एक बेटी को गोद लेने के बाद किन्नर समाज पर बच्चे को बंधक बनाकर रखने के आरोप लगे हैं.

हरियाणा के जींद जिले में किन्नर समाज द्वारा एक बेटी को गोद लेने के बाद किन्नर समाज पर बच्चे को बंधक बनाकर रखने के आरोप लगे हैं. इस पर हरियाणा राज्य बाल अधिकारी संरक्षण आयोग की चेयरपर्सन ज्योति बैंदा बुधवार को अपनी टीम और पुलिस बल के साथ नरवाना के डाडली खेड़ा में स्थित किन्नर रेश्मा माई के डेरे पर पहुंची.

वहां उन्होंने मंगलमुखी रेश्मामाई के डेरा में सम्बन्धित मामले की मौके पर जांच की. पुलिस एवं विभागीय अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए. जांच करने के उपरान्त उन्होंने बताया कि करीब डेढ़ महीने की नवजात बच्ची को उसके माता- पिता की रजामंदी के बगैर अपने मंगलमूखी समाज की डेराप्रमुख रेश्मामाई ने गोद लिया.
सोशल मीडिया के माध्यम से आयोग की चेयरपर्सन को जानकारी मिली और वे स्वयं अधिकारियों की टीम के साथ बुधवार को नरवाना स्थित रेश्मामाई के डेरे पर पहुंची. आयोग की चेयरपर्सन ज्योति बैंदा ने डेरे पर मौजूद रेश्मामाई सहित गोद दिलवाने वाले परिजनों से भी बातचीत की.
उन्होंने बताया कि जांच के दौरान यह पाया गया कि बच्ची के माता-पिता को यह जानकारी ही नहीं है कि बच्ची को मंगलामुखी समाज को सौंपा गया है. इस बारे में बाल संरक्षण अधिकारी को निर्देश दिए कि उन्हें इस बारे बच्ची के माता-पिता से सम्पर्क स्थापित कर पूरी जानकारी देकर अवगत करवाई जाए.
उन्होंने अधिकारियों से कहा कि मंगलामुखी समाज कि डेरा प्रमुख रेश्मामाई से बातचीत कर कानूनी कार्रवाई को पूरी करके बच्ची को वापस ले लिया जाए. सम्पूर्ण जानकारी लेने के बाद चेयरपर्सन बेंदा ने बताया कि तथाकथित गोद ली बच्ची का गोदनाम पूर्णतया गैर कानूनी पाया गया है. मामले से सम्बन्धित सभी दस्तावेज आधे अधूरे हैं. साथ ही उन्होंने स्पष्ट किया कि मंगलामुखी समाज को किसी बच्चे को गोद लेने का अधिकार एवं प्रावधान कानून में नहीं है


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