
हरियाणा
केंद्र सरकार पर लगाया वादाखिलाफी का आरोप, संयुक्त किसान मोर्चा ने 31 जुलाई को हरियाणा में चक्का जाम का किया एलान
Renuka Sahu
21 July 2022 6:15 AM GMT

x
फाइल फोटो
संयुक्त किसान मोर्चा हरियाणा की बुधवार को गुरुद्वारा साहब डेरा कार सेवा करनाल महत्वपूर्ण बैठक हुई।
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। संयुक्त किसान मोर्चा हरियाणा की बुधवार को गुरुद्वारा साहब डेरा कार सेवा करनाल महत्वपूर्ण बैठक हुई। बैठक में मोर्चा के नेता जोगेंद्र सिंह उग्राहां, योगेंद्र यादव, जोगिंदर नैन, कामरेड इंद्रजीत सिंह, रतन मान आदि ने हिस्सा लिया।
किसान नेताओं ने केंद्र सरकार की वादाखिलाफी का आरोप लगाया और तीन जुलाई को मोर्चे की राष्ट्रीय बैठक में लिए गए निर्णय अनुसार 31 जुलाई को पूरे प्रदेश में प्रमुख मार्गों पर चार घंटे तक चक्का जाम करने का फैसला लिया।
इससे पहले 30 जुलाई तक सभी जिलों में जिला स्तरीय सम्मेलन कर तैयारियां करने का निर्णय लिया। इस दौरान किसानों ने नूंह जिले में डीएसपी सुरेंद्र बिश्नोई हत्याकांड की निंदा की और दो मिनट का मौन रखकर शोक संवेदना व्यक्त की। बैठक में संयुक्त किसान मोर्चा के नेता जोगेंद्र सिंह उग्राहां, योगेंद्र यादव, जोगिंदर नैन, कामरेड इंद्रजीत सिंह, रतन मान, जगदीप औलख आदि ने केंद्र सरकार की अग्निपथ योजना को युवा विरोधी करार दिया।
साथ ही अग्निपथ योजना के खिलाफ सात से 14 अगस्त तक जय जवान-जय किसान सम्मेलनों के आयोजन करने का एलान किया। किसान नेताओं ने कहा कि इन सम्मेलनों में इंडियन एक्स सर्विसमेन मूवमेंट, किसान संगठनों व बेरोजगार युवाओं को आमंत्रित कर योजना के खिलाफ अभियान को तेज किया जाएगा।
प्रदेश भर में जुमला मुस्तरका मालिकान की भूमियों के मालिकाना हक के बारे में सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के तहत पांच अगस्त को सभी जिलों में सरकार के नाम ज्ञापन देते हुए यह आग्रह किया जाएगा कि ग्राम समुदाय के व्यापक हितों का संरक्षण किया जाए।
बैठक में प्रस्ताव पारित कर आबदकार किसानों की मांगों का समर्थन किया गया। किसान नेताओं ने कहा कि न्यूनतम समर्थन मूल्य की कानूनी गारंटी के मसले पर की गई वादाखिलाफी, लखीमपुर खीरी हत्याकांड, बिजली बिल संशोधन आदि के खिलाफ आंदोलन को तेज किया जाएगा।
इसी क्रम में जिला स्तरीय सम्मेलन व 31 जुलाई को चार घंटे के जाम भी किया जा रहा है। बैठक फसल बर्बादी के लंबित मुआवजे को लेकर चल रहे आंदोलनों के समर्थन व गन्ना किसानों के बकाया का तुरंत भुगतान की मांग की गई। बैठक में अमरजीत मोहड़ी, बहादुर मेहला बलडी, बलजिंदर चड़ियाला, छत्रपाल सिंघड़, अमृत बुग्गा आदि कई किसान नेता मौजूद रहे।
न्यूनतम समर्थन मूल्य की कानूनी गारंटी मिले
बैठक के बाद पत्रकारों से बातचीत में किसान नेताओं ने कहा कि वे न्यूनतम समर्थन मूल्य के मामले में बनाई गई कमेटी को सिरे से खारिज करते हैं। उन्होंने कहा कि किसानों की मांग न्यूनतम समर्थन मूल्य की कानूनी गारंटी की है, जिसका कमेटी गठन की अधिसूचना में उल्लेख ही नहीं है। जो लोग केंद्र सरकार की कमेटी में शामिल किए गए हैं, वह कहीं न कहीं तीन कृषि कानूनों के समर्थक रहे हैं, उनसे किसानों के हितों की आशा नहीं की जा सकती है। 21 जुलाई को संडोरा और 26 जुलाई को जींद में जिला सम्मेलन किया जाएगा।
Tagsसंयुक्त किसान मोर्चाकेंद्र सरकारचक्का जामहरियाणाआज की हिंदी खबरआज का समाचारआज का हरियाणा समाचारआज का महत्वपूर्ण खबरआज का महत्वपूर्ण हरियाणा खबरहरियाणा लेटेस्ट न्यूज़हरियाणा न्यूज़जनता से रिश्ता हिंदी न्यूज़हिंदी न्यूज़jantaserishta hindi newsUnited Kisan MorchaCentral GovernmentChakka JamHaryanatoday's Hindi newstoday's newstoday's Haryana newstoday's important newstoday's important Haryana newsHaryana latest newsHaryana news
Next Story