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अब खनन माफिया भी हाईटेक तरीके से कर रहे है अपराध, जानिए पूरी खबर

Admin Delhi 1
18 Aug 2022 12:50 PM GMT
अब खनन माफिया भी हाईटेक तरीके से कर रहे है अपराध, जानिए पूरी खबर
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नारनौल क्राइम न्यूज़: पुलिस डाल-डाल तो चोर पात-पात। यह कहावत अरावली के पहाड़ों पर स्टीक साबित हो रही है, क्योंकि अवैध खनन की रोकथाम के लिए विभागीय अधिकारी गांव की तरफ से कार्रवाई करते हैं तो माफिया पीछे के रास्तों से भाग जाता है। पिछले दोनों रास्तों से एक साथ छापेमारी करने पर माफिया बगल वाले रास्ते का इस्तेमाल करता है। इस पूरी चालाकी को व्हाट्सएप ग्रुप की मदद से अंजाम देते हैं। व्हाट्सएप ग्रुप का एक एसएमएस पूरे माफिया नेटवर्क को अलर्ट कर देता है।

गौरतलब है कि कृष्णावती नदी समेत अधिकतर पहाड़ों को अरावली जोन में शामिल किया गया है। अरावली रकबे पर फोरेस्ट विभाग की ओर से हर साल पौधरोपण करवाया जाता है, लेकिन बीते 10-15 साल से खनन माफिया सक्रिए हो गया, जिन्होंने कृष्णावती नदी को बजरी खनन करके खोखला कर दिया है। जैनपुर से छापड़ा बीबीपुर तक पहाड़ को छलनी कर दिया, हरे पौधे रोतोंरात काट दिए गए है। शिकायत मिलने पर प्रशासनिक टीम छापेमारी भी करती है, लेकिन धरपकड़ में सफलता नहीं मिलती, क्योंकि माफिया ने खनन प्वाइंट के चारों ओर बाइक सवार गुप्तचर तैनात कर दिया। इतना ही नहीं माफिया ने व्हाट्सएप ग्रुप भी बना लिया। ग्रुप का नाम बाबा सालासर, देवनारायण, बाबा भृहतरी रखा गया है, ताकि पुलिस छानबीन नहीं कर पाए। सूत्रों का कहना है कि बाइक सवार गुप्तचरों को मोबाइल का इस्तेमाल करने पर डंप कॉल हिस्ट्री उजागर होने का खतरा रहता है। व्हाट्सएप कॉल या एसएमएस का कोई रिकॉर्ड नहीं होता। इसलिए अवैध खनन में व्हाट्सअप तकनीक का इस्तेमाल करना सुरक्षित समझते हैं। बीते दिनों फोरेस्ट विभाग के अधिकारियों ने मूसनोता के पहाड़ में छापेमारी करके दो युवकों को पकड़ा था। जिनके मोबाइल में खनन माफिया के व्हाट्सएप ग्रुप की पुष्टि हो चुकी है। ग्रामीणों के मुताबिक खदान में प्रवेश करने से पहले मुख्य रास्तों में गड्ढे खुदवा दिए जाते हैं, ताकि छापेमारी टीम को खदान तक पहुंचने में समय लगे। तब तक माफिया संसाधनों समेत भागने में कामयाब हो जाता है।

हथियारों के साथ रैकी करते हैं माफिया के गुप्तचर: ग्रामीणों ने बताया कि रात के 10 बजते ही जैनपुर से छापड़ा बीबीपुर तक 40-50 बाइक सवार युवक चक्कर लगाने लगते हैं। अधिकतर की आयु 18-20 साल तथा उनके पास पिस्टल भी रहने की चर्चाएं है। कहीं विरोध होने या पकड़े जाने की आशंका पर हवाई फायर करके भागने की घटनाएं आम हो चुकी हैं।

चेकिंग बढ़ने पर करते हैं स्टॉक: सूत्रों के मुताबिक बारिश होने पर खदानों ट्रेक्टर प्रवेश नहीं करता, कहीं चोर रास्तों में दलदल हो जाती है। ऐसी परिस्थितियों में खनन माफिया खदान के बाहर पत्थरों का स्टॉक करता है। स्थिति सामान्य होते ही एकत्रित पत्थर को तत्परता से सप्लाई कर देते हैं। सड़क पर चैकिंग बढ़ने पर वाहन लोड नहीं करते, ताकि प्रशासन खनन कंट्रोल होने की रिपोर्ट लेकर शांत हो जाए।

अवैध खनन से हरियाली को नुकसान, गश्त बढ़ाई: फोरेस्ट विभाग के रेंज अधिकारी जयभगवान ने बताया कि अरावली रकबे पर अवैध खनन होने से हरियाली को नुकसान हो रहा है। अंकुश लगाने के मकसद से गश्त बढ़ा दी है, जिसमें ग्रामीणों का सहयोग मिलना अनिवार्य है। उन्होंने बताया कि चैकिंग के दौरान घेराबंदी में फंसने पर माफिया पत्थरबाजी करने लगता है। इसलिए गश्त के दौरान पुलिस की मदद ली जाएगी।

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