अब पानीपत चीनी मिल के एमडी सोनीपत चीनी मिल का पदभार संभालेंगे, कछुआ गति से चल रहा था रिपेरिंग का कार्य
हरयाणा न्यूज़: दी सहकारिता चीनी मिल में कारखाने के अंदर मशीनों की रिपेरिंग कार्य कर्मचारी न होने व टेंडर प्रक्रिया में देरी होने के चलते कछुआ गति से चल रहा हैं। रिपेरिंग कार्य में लेट-लतीफी आगामी पेराई सत्र के शुभारंभ पर असर डालेगी। मिल प्रबंधन इस संबंध में आगामी माह में जिला उपायुक्त के साथ बैठक कर चर्चा करेगा। वहीं चीनी मिल का अतिरिक्त पदभार संभाल रहे गोहाना एसडीएम ने पद भार को छोड़ दिया हैं। उनकी जगह पानीपत चीनी मिल के एमडी को सोनीपत चीनी मिल का पदभार दिया गया हैं। मिल में स्थाई एमडी की तैनाती न होने के कारण टेंडर प्रक्रिया पर असर पड़ रहा हैं। जिसके कारण मिल कारखाने में जरूरी मशीनों की रिपेरिंग व सामान बदलने का कार्य अधर में लटका पड़ा रहा है।
बता दें कि शहर के कामी सड़क मार्ग स्थित दी सहकारिता चीनी मिल सोनीपत से जिले के करीब 2 हजार गन्ना उत्पादक किसान जुड़े हुए है। सोनीपत चीनी मिल की क्षमता शुरूआत में 16 हजार क्विंटल प्रतिदिन थी, जिसकी वजह से समय पर गन्ने की पेराई नहीं हो पा रही थी। किसानों ने सरकार और प्रशासन से मांग की थी कि सोनीपत चीनी मिल की पेराई क्षमता को बढ़ाया जाएं। जिसके बाद सोनीपत चीनी मिल की पेराई क्षमता को 16 हजार क्विंटल प्रतिदिन से बढ़ाकर 22 हजार क्विंटल किए जाने के लिए करोड़ों रुपए खर्च किए गए थे। उम्मीद की जा रही थी कि इससे किसानों को राहत मिलेगी, परन्तु क्षमता बढ़ने के बावजूद गन्ने की पेराई क्षमता के हिसाब से नहीं होने पर पूरी प्रक्रिया पर सवाल खड़े हो गए थे। मिल की तरफ से वर्ष 2021-22 के पेराई सत्र में निराशा ही हाथ लगी। किसानों को दूसरी मिलों में गन्ना लेकर जाने पर मजबूर होना पड़ा था। वहीं आगामी पेराई सत्र के लिए मिल कारखाने में मशीनों की रिपेरिंग का कार्य अधर में लटका पड़ा हैं। जिसके चलते पेराई सत्र को देरी से शुरू होने के बादल छाने लगे हैं।
करीब 30 लाख 80 हजार क्विंटल गन्ने की ही हो पाई थी पेराई: सोनीपत चीनी मिल की पेराई क्षमता 22 हजार क्विंटल प्रतिदिन होने के बाजवूद मिल में तेजी से गन्ने की पेराई नहीं हो पा रही है। इस माह की पहली तारीख को सम्पन्न हुए चीनी मिल के पेराई सत्र 2021-22 में भी मिल में करीब 30 लाख 80 हजार क्विंटल गन्ने की ही पेराई हो पाई है। जबकि किसानों के साथ मिल प्रशासन ने करीब 36 लाख क्विंटल गन्ने की बॉडिंग की थी। मिल में पेराई सत्र भी 10 नवम्बर 2021 को शुरू हो गया था और पेराई सत्र का अंत 1 जून 2022 को हुआ था। पेराई सत्र के अंतिम एक महीनें में तो पेराई की रफ्तार बेहद धीमी हो गई थी। औसतन हर रोज 14 से 16 हजार क्विंटल गन्ने की ही पेराई हो रही थी। पूरे पेराई सत्र में चुनिंदा दिनों को छोड़कर कभी भी मिल ने अपनी पेराई क्षमता के हिसाब से गन्ने की पेराई नहीं की। जिसकी वजह से किसानों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा। यहां तक की मिल प्रशासन को भी करीब 7 लाख क्विंटल गन्ना दूसरी मिलों में ट्रांसफर करने पर मजबूर होना पड़ा था।
सीजनल कर्मचारियों के सहारे रिपेरिंग का कार्य चल रहा, बार-बार बदले जा रहे एमडी: चीनी मिल में इस बार प्रदेश सरकार की तरफ से एक सप्ताह पहले पेराई चीनी मिलों में शुरू किया गया था। ताकि किसानों का समय पर गन्ना पेराई किया जा सके, लेकिन तकनीकि खराबियों ने पेराई सत्र को पटरी पर नहीं पहुंचने दिया। जिसके चलते गन्ना उत्पादकों के साथ-साथ मिल प्रबंधन को निराशा का सामना करने पर मजबूर होना पड़ा था। टेंडर प्रक्रिया में हो रही देरी व मिल में कम कर्मचारी होने के कारण कारखाने में रिपेरिंग का कार्य बेहद धीमा चल रहा हैं। कारखाने में जरूरी सामान नहीं पहुंचा पा रही हैं। मिल में एमडी का पदभार बार-बार अलग-अलग अधिकारियों को सौंपा जा रहा हैं। सरकार की तरफ से मिल में स्थाई एमडी की तैनाती नहीं की जा रही हैं। जिसके कारण टेंडर प्रक्रिया पर असर देखने को मिल रहा हैं।
पानीपत चीनी मिल के एमडी को सौंपी सोनीपत चीनी मिल की जिम्मेदारी: सरकार की तरफ से बार-बार चीनी मिल के एमडी का तबादला किया जा रहा हैं। सोनीपत चीनी मिल के एमडी जितेंद्र जोशी के तबादले के बाद आरटीए अधिकारी मानव मलिक को एमडी का पदभार सौंपा गया। उनके ट्रांसफर के बाद गोहाना के एसडीएम शांतनु शर्मा को कार्य भार दिया गया। उन्होंने शुक्रवार को पदभार छोड़ दिया। मिल प्रबंधन से जानकारी मिली हैं कि पानीपत चीनी मिल के एमडी नवदीप सिंह को सोनीपत चीनी मिल का एमडी का पदभार दिया गया हैं।
सीजनल कर्मचारियों के सहारे कारखाने में रिपेरिंग कार्य किया जा रहा हैं। कर्मचारियों की कमी के चलते परेशानी का सामना करना पड़ रहा हैं। टेंडर प्रक्रिया लेट होने के चलते कार्य प्रभावित हो रहा हैं। मामले में उच्च अधिकारियों को अवगत करवाया जा चुका हैं। रिपेरिंग के कार्य में तेजी आने के बाद आगामी पेराई सत्र के लिए कारखाना तैयार किया जाएगा।- डीएस पहल, चीफ इंजीनियर चीनी मिल सोनीपत।