हरियाणा
अब ओलंपिक में गोल्ड की आस, मां ने भैंस पालकर और पिता की पेंशन से विनेश को बनाया 'सोने की चिड़िया'
Gulabi Jagat
10 Aug 2022 5:06 AM GMT
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अब ओलंपिक में गोल्ड की आस
चरखी दादरी: कॉमनवेल्थ गेम्स में महिला कुश्ती में गोल्ड जीतकर विनेश फोगाट ने इतिहास रच दिया (vinesh phogat cwg 2022) है. विनेश का खेल जीवन बहुत उतार-चढ़ाव भरा रहा है. पिता का सिर से साया उठने के बाद विनेश की मां प्रेमलता ने भैंस पालकर और पिता की पेंशन से बेटी को आज इंटरनेशनल रेसलर बनाकर देश के लिए सोने की चिड़िया बना दी है. मां को अब अपने दूध की लाज रखते हुए बेटी के ओलंपिक में देश के लिए सोना जीतने की बड़ी आस है.
पिता की मौत के बाद ताऊ महाबीर फोगाट ने विनेश फोगाट और उसकी बड़ी बहन प्रियंका को अपनाया और अपनी बेटियों के साथ अखाड़े में उतारा. ताऊ के विश्वास व गीता-बबीता बहनों से प्रेरणा लेते हुए विनेश फोगाट ने कॉमनवेल्थ गेम्स में लगातार तीसरी बार गोल्ड जीतकर पुराने जख्मों पर मरहम लगा (Vinesh Phogat gold hattrick) दिया. विनेश ने अपने परिवार के लोगों और देशवासियों के आस के अनुरूप जीत हासिल की है.
विनेश द्वारा जीते गए अवॉर्ड्स
विनेश फोगाट को रियो ओलंपिक के दौरान चोट लग गई थी. वे जनवरी 2017 तक मैट पर नहीं उतर पाईं थी. इसके बावजूद इस बहादुर बेटी ने हिम्मत नहीं छोड़ी. विनेश ने दोबारा अखाड़े में उतरकर टोक्यो ओलंपिक के लिए क्वालीफाई किया. हालांकि चोट और मानसिक हालातों के चलते विनेश जीत दर्ज करने में सफल नहीं हुई. बावजूद इसके विनेश ने लगातार कड़ी मेहनत की. अपनी मेहनत के बलबूते विनेश ने 53 किलोग्राम की कैटेगरी में कॉमनवेल्थ खेलों में देश के लिए गोल्ड जीता. विनेश का कॉमनवेल्थ खेलों में यह तीसरा गोल्ड (Vinesh Phogat gold hattrick) है.
घर में पूजा करते हुए विनेश फोगाट की मां प्रेमलता
हरियाणा रोडवेज में नौकरी करते थे विनेश के पिता- विनेश फोगाट बलाली गांव की रहने वाली हैं. उनके पिता राजपाल रोडवेज विभाग में ड्राइवर (Vinesh Phogat Biography ) थे. साल 2003 में विनेश के पिता की मौत हो गई थी. इसके बाद महावीर फोगाट ने विनेश और उनकी बहन प्रियंका को पहलवानी की ट्रेनिंग दी. विनेश ने भी अपने ताऊ जी का मान रखते हुए इंटरनेशनल लेवल पर कई गोल्ड सहित दर्जनों मेडल जीतकर उनका और देश का नाम रोशन किया है. विनेश फोगाट ने पहलवानी में अब तक कई बड़ी सफलता हासिल की है. कॉमनवेल्थ और एशियन गेम्स दोनों में गोल्ड मेडल जीतने वाली वो भारत की पहली महिला पहलवान हैं. विनेश की उपलब्धि पर सरकार द्वारा उन्हें अर्जुन व राजीव गांधी पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका है.
बलाली गांव में स्थित विनेश फोगाट का घर
ताऊ की हिम्मत ने विनेश का सपना पूरा किया- विनेश की मां प्रेमलता गीता-बबीता की मां दयाकौर की छोटी बहन ( Vinesh Phogat Family) हैं. विनेश अपनी मौसी की बेटियों के साथ ही विनेश ने ज्यादतर समय अखाड़े में ही बिताया है. बेटी की उपलब्धि पर मां प्रेमलता की आंखों में आंसू आ जाते हैं. आंसू पूछते हुए कहती हैं कि बेटी को ताऊ महावीर फोगाट की हिम्मत ने बल दिया और गोल्ड जीतकर ताऊ और परिवार का नाम ऊंचाइयों पर पहुंचाया. विनेश के पिता की मौत होने के बाद एक बार तो वह टूट चुकी थी कि छोटे बच्चों का कैसे गुजारा कर पाऊंगी. ताऊ की हिम्मत के बाद भैंसें पालकर और पति की पेंशन से गुजारा चलाते हुए बेटी को कुश्ती में देश के लिए सोने की चिड़िया तैयार किया.
विनेश फोगाट का परिवार
विनेश को पसंद है देशी खाना- मां प्रेमलता से जब पूछा गया कि विनेश को खाने पीने में क्या पसंद है तो उन्होंने कहा कि बेटी को तो केवल देशी खाना ही पसंद है. उसे खाने में चटनी दही, दाल रोटी, दूध काफी पसंद है. इसके अलावा वो सुबह टाइम से अपना प्रोटीन शेक लेती है. इसके अलावा जब उनसे पूछा गया कि घर आने पर बेटी को क्या खिलाएंगी तो उन्होंने कहा कि चटनी मिस्सी रोटी, घी और दही खिलाकर अपनी बेटी का स्वागत करुंगी.
स्ट्रगल किया तो विनेश बनी गोल्डन गर्ल- भाई हरविंद्र ने बताया कि विनेश और हमने महाबीर फोगाट को ही अपना पिता (Vinesh Phogat Family) माना. उनके दिखाए रास्ते पर चले. विनेश ने ताऊ से प्रेरणा लेते हुए अपने रिकार्ड को बढ़ाते हुए गोल्ड जीतकर मेडलों की संख्या में इजाफा किया है. एक समय उनके पास खर्च के लिए पर्याप्त पैसे नहीं थे तो उनके पास जो गाड़ी थी उसको बेचकर विनेश की प्रेक्टिस का खर्च चलाया. आज विनेश ने गोल्ड जीतकर देश का मान बढ़ाया है. विनेश अब 2024 के ओलंपिक में फिर से गोल्ड जीतकर दोहरी खुशी देगी.
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Gulabi Jagat
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