हरियाणा

सरकारी खरीद नहीं, किसानों को 600 से 700 रुपये कम भाव में बेचना पड़ रहा बाजरा

Rounak Dey
15 Oct 2022 6:01 AM GMT
सरकारी खरीद नहीं, किसानों को 600 से 700 रुपये कम भाव में बेचना पड़ रहा बाजरा
x

हैफेड के चेयरमैन कैलाश भगत ने स्पष्ट किया है कि प्रदेश में बाजरे की खरीद जारी रहेगी। उन्होंने कहा कि केवल कुछ दिन के लिए खरीद गए बाजरे की लिफ्टिंग के लिए खरीद को रोका गया है, जैसे-जैसे मंडियों से बाजरा उठान हो जाएगा। खरीद चालू हो जाएगी।

बाजरे की सरकारी खरीद सात अक्तूबर के बाद नहीं हो पाई है। बाजरे का एमएसपी 2350 रुपये है जबकि सरकारी खरीद नहीं होने पर किसानों को अपनी फसल 1600 से 1710 रुपये प्रति क्विंटल के हिसाब से आढ़तियों को बेचने को मजबूर होना पड़ रहा है। इससे किसानों को भारी आर्थिक नुकसान झेलना पड़ रहा है।

हैफेड के मैनेजर मनोज ने बताया कि दो अक्तूबर से सात अक्तूबर तक रेवाड़ी में 30 हजार क्विंटल बाजरा, कोसली में 55 हजार क्विंटल बाजरा खरीदा गया है। रेवाड़ी में 1792 पंजीकृत व कोसली में करीब 2800 पंजीकृत किसानों का बाजरा खरीदा जा चुका है। बाकी बचे किसान आढ़तियों को 1600 से 1710 रुपये प्रति क्विंटल तक बाजरा बेचने को मजबूर हो रहे हैं। केवल पंजीकृत किसानों को ही भावांतर योजना के तहत 450 रुपये मिलेंगे। जिले में कुल 50656 किसानों ने पंजीकरण करवाया था और कुल 212574 एकड़ में बाजरे की बिजाई की गई थी।

Tagsbajra
Rounak Dey

Rounak Dey

    Next Story