हरियाणा

लड़कियों की शिक्षा के लिए किए नए कार्यक्रम शुरू

Shantanu Roy
6 Oct 2023 11:26 AM GMT
लड़कियों की शिक्षा के लिए किए नए कार्यक्रम शुरू
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चंडीगढ़। हरियाणा के मुख्य सचिव संजीव कौशल ने कहा कि केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के प्रोजेक्ट अप्रूवल बोर्ड ने राज्य में छात्रों की शिक्षा, बुनियादी ढांचे और समग्र कल्याण की गुणवत्ता में सुधार समावेशिता, कौशल विकास और नवाचार पर बल देने के लिए 201,346.71 लाख रुपये आवंटित किए हैं। मुख्य सचिव ने आज यहां हरियाणा समग्र शिक्षा की चौथी कार्यकारी समिति की अध्यक्षता करते हुए कहा कि भारत सरकार के मंत्रालय द्वारा परिभाषित सात कार्य क्षेत्रों में प्रदर्शन के आधार पर हरियाणा के 3,893 स्कूलों का चयन किया है। पहले चरण में 124 वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालयों को पीएमश्री स्कूलों के रूप में चुना गया था। इन स्कूलों में बदलाव लाने के लिए 8,526.76 लाख रुपये स्वीकृत किए गए हैं। कौशल ने शारीरिक और मानसिक रूप से विकलांग छात्रों को समर्पित सहायता प्रदान करने के महत्व पर बल दिया। उन्होंने कहा कि राज्य के बाहर छात्रों की व्यावहारिक शिक्षा अनुभवों को व्यापक बनाने ,राष्ट्रीय स्तर पर उनके वैज्ञानिक ज्ञान को समृद्ध करने के लिए इसरो, साइंस सिटी जैसे अन्य संगठनों के प्रसिद्ध संस्थानों की शैक्षिक यात्राओं की व्यवस्था की जाए।
इसके अतिरिक्त उन्होंने अधिकारियों से छात्रों को साइबर अपराध और वित्तीय साक्षरता के बारे में शिक्षित करने और उन्हें आवश्यक कौशल से भरपूर करने को कहा। उन्होंने जिला स्तरीय अधिकारियों को स्कूलों में बालिका शौचालयों के निरीक्षण को प्राथमिकता देकर साफ-सफाई और उनमें बिजली, पानी जैसी बुनियादी सुविधाओं की पहुंच सुनिश्चित करने के अलावा आवश्यकता अनुसार मरम्मत एवं रखरखाव के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि छात्रों को सशक्त बनाने शिक्षा में नवाचार को बढ़ावा देने और स्वच्छता सुनिश्चित करने, प्रतिभाओं को निखारने, सुरक्षा सुनिश्चित करने और छात्रों को तकनीकी रूप से उन्नत भविष्य के लिए तैयार करने के लिए 1,074.2 लाख रुपये निर्धारित किए गए हैं। उन्होंने कहा कि रानी लक्ष्मीबाई आत्मरक्षा प्रशिक्षण कार्यक्रम के तहत लड़कियों को आत्मरक्षा प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए 614 लाख रुपए खर्च कर 4,098 स्कूलों में लड़कियों को सशक्त बनाने व उनकी सुरक्षा और कल्याण सुनिश्चित करने का लक्ष्य रखा गया है। इस कार्यक्रम के तहत 354 सरकारी वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालयों में नवाचार को बढ़ावा देने, कोडिंग और रोबोटिक्स गतिविधि सीखाने के लिए 460.2 लाख रुपये खर्च किए जाएगें। उन्होंने बताया कि सरकार का लक्ष्य कक्षा 6वीं से 12वीं कक्षा तक के छात्रों के बीच तकनीकी दक्षता को प्रोत्साहित करने व रचनात्मकता सोच को बढ़ावा देना है।
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