नई पहल: बकरीद पर नहीं देंगे कुर्बानी, मिठाई से देंगे मुबारकबाद
यमुनानगर ब्रेकिंग न्यूज़: देश में फैल रही धार्मिक कट्टरता के बीच यमुनानगर के नया गांव ने कौमी एकता की मिसाल पेश की है। मुस्लिम समुदाय के लोगों ने गांव में पंचायत कर इस बार बकरीद पर पशुओं की कुर्बानी ने देने और हर घर में मिठाई बांटकर खुशियां मनाने का फैसला किया है। खंड साढौरा के नया गांव की आबादी करीब 1250 है। इसमें से 85 प्रतिशत आबादी मुस्लिम समुदाय और 15 प्रतिशत अन्य बिरादरी की है। गांव में तीन मस्जिदें बनी हैं। पिछले दिनों दिल्ली में जुमे की नमाज के बाद फैली हिंसा, राजस्थान के उदयपुर में कृष्ण लाल की हत्या और नेताओं द्वारा की जा रही मजहबी बयानबाजी से आहत गांव के ग्रामीणों ने सांप्रदायिक सौहार्द और भाईचारे की मिसाल पेश की है। दो दिन पहले मुस्लिम समुदाय की ओर से बुलाई गई पंचायत में सभी बिरादरी के लोगों को आमंत्रित किया गया था। मुस्लिम समुदाय के लोगों ने पंचायत में कहा कि वर्तमान में जिस तरह का माहौल बना हुआ है, उसे देखते हुए इस बार बकरीद के दिन किसी भी पशु की कुर्बानी नहीं देने का निर्णय लिया गया है। इसकी जगह मुस्लिम समुदाय के लोग एक दूसरे को मिठाइयां बांटकर बकरीद की खुशियां मनाएंगे और मुबारकबाद देंगे। इस निर्णय का पंचायत में ध्वनि मत से स्वागत किया गया।
साथ ही विश्वास जताया गया कि गांव की पहल देश की धार्मिक कट्टरता को खत्म करने में अहम साबित होगी। पहले मांस के व्यापार को लेकर बदनाम रहा है गांव जिस गांव ने बकरीद पर सौहार्द और भाईचारे की मिसाल पेश की है, वह कभी पशुओं के मांस बेचने को लेकर बदनाम था। इस संबंध में क्षेत्रीय थाने में कई केस भी दर्ज हुए हैं, लेकिन गत वर्ष ग्राम पंचायत ने गांव में पशुओं का मांस बेचने पर पूरी तरह से पाबंदी लगा दी थी। ऐसे में जो लोग यह काम करते थे, उन्होंने शुरू में इसका विरोध किया पर बाद में वह भी इसमें सहयोग करने लगे। देश का माहौल खराब नहीं होना चाहिए गांव की कमेटी के प्रधान वलीदीन, साहबदीन ठेकेदार, मीर हसन, अली हसन, डॉ. ताज मोहम्मद, कुर्बान खटाना और हनीफ अली का कहना है कि देश का माहौल किसी भी सूरत में खराब नहीं होना चाहिए। हम सब इस देश के नागरिक हैं।
वैसे तो आज तक किसी ने कुर्बानी पर कोई एतराज नहीं जताया है। फिर भी समुदाय के लोगों ने मिलकर निर्णय लिया है कि वह किसी भी पशु की कुर्बानी नहीं देंगे। इसकी बजाय सभी लोग मिठाई बांट कर एक दूसरे को ईद की मुबारकबाद देंगे। गांव के निवर्तमान सरपंच गुरनाम सिंह, सलिंद्र पाल और राजकुमार का कहना है कि देश के नागरिक होने के नाते हम सबकी जिम्मेदारी है कि सभी मिलकर रहें। बकरीद पर पशुओं की कुर्बानी न देने जैसा कदम उठाना सराहनीय है। गांव में सभी समुदायों के लोग एक दूसरे से लगाव रखते हैं। बकरीद के दिन भी खुशियों में सभी शामिल होंगे। उपमंडल बिलासपुर के एसडीएम जसपाल सिंह गिल का कहना है नया गांव के लोगों की यह बहुत अच्छी पहल है। भाईचारे की ऐसी मिसाल सभी को कायम करनी चाहिए।