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हरियाणा सरकारी स्कूलों में आज से शुरू होगा नया शिक्षा सत्र, अनोखे अंदाज में होगा विद्यार्थियों का स्वागत

Renuka Sahu
12 April 2022 1:05 AM GMT
हरियाणा सरकारी स्कूलों में आज से शुरू होगा नया शिक्षा सत्र, अनोखे अंदाज में होगा विद्यार्थियों का स्वागत
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फाइल फोटो 

हरियाणा के सरकारी स्कूलों में मंगलवार से नया शिक्षा सत्र शुरू होगा। इस बार की खास बात ये रहेगी कि स्कूलों को पहले दिन से ही पढ़ाई शुरू कराने का आदेश दिया गया है।

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। हरियाणा के सरकारी स्कूलों में मंगलवार से नया शिक्षा सत्र शुरू होगा। इस बार की खास बात ये रहेगी कि स्कूलों को पहले दिन से ही पढ़ाई शुरू कराने का आदेश दिया गया है। साथ ही सभी स्कूलों में प्रवेश उत्सव कार्यक्रम मनाने का भी निर्देश दिया गया है, ताकि अधिक से अधिक विद्यार्थियों को स्कूल से जोड़ा जा सके। इसके तहत नए विद्यार्थियों का तिलक लगाकर स्वागत किया जाएगा।

शिक्षा निदेशालय से जारी पत्र के अनुसार कक्षा नौंवी में दाखिले के लिए 12 अप्रैल से 20 अप्रैल तक की तिथि रखी गई है। सभी स्कूलों को 20 अप्रैल तक दाखिला रिपोर्ट बनाकर खंड और जिला स्तर पर उपलब्ध करानी होगी। नामांकन (दाखिलों) में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले विद्यालयों को इस बार भी सम्मानित किया जाएगा। जिन स्कूलों में पिछले साल की अपेक्षा नामांकन कम होगा, उनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई की जाएगी।
निदेशालय ने निर्देश दिया है कि सभी शिक्षक, कक्षा प्रभारी और स्कूल मुखिया प्रत्येक ड्राप आउट विद्यार्थी को अपनी जिम्मेदारी समझें और हर हाल में उसका दाखिला सुनिश्चित करें। इसके अलावा प्रत्येक ऐसे विद्यार्थी जिसका स्कूल बदल रहा है, जैसे पांचवीं से छठी, आठवीं से नौवीं और दसवीं से ग्यारहवीं में जाने वाले विद्यार्थियों का एसआरएन से दाखिला अगली कक्षा या स्कूल में होगा, दाखिला कराने की जिम्मेदारी पिछले स्कूल की होगी।
दाखिला नहीं लेने वाली बालिकाओं के परिजनों से साधेंगे संपर्क
कक्षा पांचवीं और आठवीं पास करने वाली बालिकाओं का दाखिला 12 से 16 अप्रैल तक कराना होगा। पांचवीं व आठवीं कक्षा पास करने वाली जिन बालिकाओं ने अगली कक्षा में प्रवेश नहीं लिया उनकी पहचान 17 अप्रैल से की जाएगी। 18 अप्रैल को स्कूल के शिक्षक बालिकाओं के परिजनों से संपर्क साधेंगे। पहचान की गईं बालिकाओं की सूचना 20 अप्रैल तक बीईओ और डीईओ को भेजना होगा।
इसलिए ड्राप आउट होते हैं विद्यार्थी
निदेशालय ने अपने पत्र में ड्राप आउट के कारण भी बताए हैं। इनमें सरकारी स्कूलों में दाखिला प्रक्रिया की पेचीदगी और तत्परता की कमी होना पाया है। साथ ही पड़ोस विद्यालयों की ओर से नए बच्चों के स्वागत की तैयारी में कमी, जनसंपर्क और योजना क्रियान्वयन का अभाव होना है। इसके अलावा स्कूली स्तर की अन्य कठिनाइयां और ब्रांडिंग की कमी के चलते भी नए विद्यार्थी कम आते हैं। प्रवासी मजदूरों, स्लम बस्तियों और भट्ठों आदि पर सर्वे नहीं होना भी एक कारण है। विभाग ने आदेश दिया है कि इन सभी खामियों को दूर कर स्कूलों और विभाग की नीतियों का जोर शोर से प्रचार किया जाए।
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