
न्यूज़क्रेडिट: अमरउजाला
नीरज अब तक हरियाणा, दिल्ली, पंजाब, राजस्थान, मध्य प्रदेश व उत्तर प्रदेश में 44817 किलोमीटर की यात्रा कर लोगों को जागरूक कर चुके हैं। नीरज ने जैविक जागरूकता के लिए 1 लाख 11 हजार 111 किलोमीटर साइकिल यात्रा का लक्ष्य निर्धारित किया है।
जीवन के सफर में कुछ ऐसे मोड़ आते हैं जो व्यक्ति को बदलकर रख देते हैं। कुछ ऐसा ही वाकया हरियाणा के गोहाना के गांव आहुलाना निवासी नीरज कुमार प्रजापति के साथ भी हुआ। जिसने सिर्फ न उनका मन परिवर्तित कर दिया है, बल्कि जीवन को एक नई डगर पर रवाना कर दिया।
कैंसर पीड़ितों को ले जाने वाली ट्रेन को देख नीरज ने बीटेक के पांचवें सेमेस्टर को ड्रॉपआउट कर दिया और अपने करिअर की चिंता छोड़ साइकिल पर जहर मुक्त खेती यानी ऑर्गेनिक खेती की अलख जगाने निकल पड़े। नीरज के नि:स्वार्थ भावना से उठाए गए इस कदम को देखते हुए उन्हें द बाई साइकिल मैन ऑफ इंडिया नाम दिया गया है।
नीरज कुमार प्रजापति ने बताया कि वह मूलरूप से गोहाना के गांव आहुलाना के निवासी हैं। फिलहाल परिवार के साथ गोहाना में ही रहते हैं। एक बार पंजाब के बठिंडा से बीकानेर जाने वाली ट्रेन में कैंसर इलाज के लिए जाने रोगियों को देखा तो मन व्यथित हो उठा। ट्रेन में अधिकतर कैंसर रोगी ही इलाज कराने के लिए सफर कर रहे थे।
इनमें हरियाणा व पंजाब के लोग अधिक थे। खेती में बढ़ते अंधाधुंध कीटनाशक का इस्तेमाल भी कैंसर का एक प्रमुख कारण है। इसे देखते हुए ठान लिया कि वह किसानों को ऑर्गेनिक खेती के लिए प्रेरित करने का प्रयास करेंगे। इसके लिए उन्होंने बीटेक के पांचवें सेमेस्टर को ड्रॉपआउट कर दिया।
करिअर की चिंता किए बगैर कश्मीर से कन्याकुमारी तक साइकिल यात्रा कर किसानों को जहर मुक्त खेती के लिए जागरूक करने की योजना बनाई और सफर शुरू कर दिया। वे जिस भी प्रदेश में जाते हैं वहां खेतों में जाकर लोगों को कीटनाशक के अधिक इस्तेमाल से होने वाले नुकसान को बताकर किसानों को ऑर्गेनिक खेती करने के लिए प्रेरित करते हैं। उनका यह अभियान निरंतर जारी रहेगा।
साइकिल पर 44817 किलोमीटर का तय किया सफर
नीरज बताते हैं कि उन्होंने देश में ऑर्गेनिक खेती की अलख जगाने के लिए 9 अप्रैल 2019 से सोनीपत साइकिल यात्रा शुरू की थी। वह हरियाणा, राजस्थान, पंजाब, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, दिल्ली में साइकिल चलाते हुए अब तक 44817 किलोमीटर का सफर तय कर चुके हैं। उनका लक्ष्य 1 लाख 11 हजार 111 किलोमीटर की साइकिल यात्रा कर किसानों को ऑर्गेनिक खेती करने के लिए जागरूक करना है। इसके लिए वे जिस भी राज्य में जाते हैं, वहां खेतों में जाकर किसानों को ऑर्गेनिक खेती के लाभ बताते हुए इसके प्रति जागरूक करते हैं। नीरज बताते हैं कि यह अभियान निरंतर जारी रहेगा।
महाराष्ट्र में बारिश और बाढ़ के कारण लौटना पड़ा
नीरज का कहना है कि वे साइकिल यात्रा पर महाराष्ट्र पहुंच गए थे, लेकिन वहां भारी बारिश के कारण बाढ़ के हालात बने हुए हैं। पहाड़ी क्षेत्र में भी ज्यादा फिसलन है, इसलिए वापस घर आ गए। स्थिति सामान्य होने के बाद दोबारा महाराष्ट्र जाएंगे और खेतों में जाकर लोगों को ऑर्गेनिक खेती के प्रति जागरूक करेंगे। नीरज कहते हैं कि अन्य प्रदेशों की सरकार की तरफ से उन्हें पूरा सहयोग मिल रहा है। लेकिन अफसोस है कि प्रदेश सरकार संपर्क करने के बाद भी इस तरफ गंभीर नहीं है। न ही उन्हें किसी प्रकार का सहयोग दिया जा रहा है।
जय जवान, जय किसान, जय विज्ञान पर काम कर रहा परिवार
नीरज का कहना है कि उनका पूरा परिवार देश के लिए जय जवान, जय किसान, जय विज्ञान पर काम कर रहा है। उनके पिता आनंद सिंह बीएसएफ में 22 साल सेवा देने के बाद सेवानिवृत्त हुए हैं। मैं जय किसान के नारे को जीवंत करते हुए देश के किसानों को ऑर्गेनिक खेती करने के लिए जागरूक कर रहा हूं। मेरे बड़े भाई मास्टर पंकज कुमार ग्वालियर में रहते हैं। वहां जय विज्ञान के नारे को जीवंत रखते हुए 32 देशों को अपनी तकनीकी सेवाएं निर्यात कर रहे हैं।
खुद वहन करते हैं साइकिल यात्रा का खर्च
नीरज करीब सवा तीन साल से किसानों को ऑर्गेनिक खेती के प्रति जागरूक करने के लिए साइकिल यात्रा कर रहे हैं। नीरज साइकिल यात्रा पर आने वाले खर्च को खुद वहन करते हैं। नीरज बताते हैं कि वे देश के 14 विश्वविद्यालयों, 106 भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद व 731 कृषि केंद्रों पर लेक्चर देते हैं। यहां से होने वाली आय से ही साइकिल यात्रा का खर्च निकालते हैं। इस कड़ी में नीरज दो देशों की यात्रा भी कर चुके हैं। 16 दिसंबर 2012 को उजबेकिस्तान की सरकार ने उन्हें ऑर्गेनिक खेती पर विस्तार से बातचीत करने के लिए बुलाया था। वहीं इसी वर्ष मार्च महीने में साइकिल पर नेता कृषि अनुसंधान परिषद की यात्रा पर गए थे। नीरज कहते हैं कि देश के किसानों को जहरमुक्त खेती करने के लिए ऐसे ही जागरूक करते रहेंगे।
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