हरियाणा

भारत लौटकर घर जाने की बजाए सीधे अखाड़े में पहुंचे गोल्ड जीतने वाले नवीन मलिक

Shantanu Roy
9 Aug 2022 5:55 PM GMT
भारत लौटकर घर जाने की बजाए सीधे अखाड़े में पहुंचे गोल्ड जीतने वाले नवीन मलिक
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बड़ी खबर
सोनीपत। राष्ट्रमंडल खेलों में इस बार हरियाणा के खिलाड़ियों का दबदबा देखने को मिला। हरियाणा की बदौलत ही अबकी बार भारत पदक तालिका में चौथे स्थान पर रहा। कुश्ती के 74 किलोग्राम वेट कैटेगरी में पाकिस्तान के पहलवान को हराकर स्वर्ण पदक पर कब्जा करने वाले नवीन मलिक भी मंगलवार को वतन लौटे। सोनीपत पहुंचने पर नवीन का जोरदार स्वागत किया गया। नवीन अपने घर जाने की बजाए पहले अखाड़े में पहुंचे और कोच का आशीर्वाद लिया। लोगों ने फूल मालाओं के साथ गोल्ड मेडलिस्ट का स्वागत किया। नवीन ने कहा कि कॉमनवेल्थ में मिली जीत से प्रेरणा लेकर वे आगामी प्रतियोगिताओं के लिए आज से ही मेहनत शुरू कर देंगे।
कॉमनवेल्थ में मिली जीत का श्रेय माता-पिता और कोच को दिया
सोनीपत के एक छोटे से गांव पुगथला के एक मध्यम किसान परिवार में जन्में नवीन मलिक में वह कर दिखाया, जिसे लेकर बड़े बड़े पहलवान सपने संजोते है। इंग्लैंड में हुए राष्ट्रमंडल खेलों में नवीन ने पहली बार हिस्सा लिया और पहली ही बार में कुश्ती की 74 किलोग्राम वेट कैटेगरी में स्वर्ण पदक जीत लिया। मंगलवार को नवीन जब वतन वापस लौटे तो घर जाने की बजाए अपने अखाड़े में पहुंचे और कोच का आशीर्वाद लिया। इस मौके पर उन्होंने कहा कि मेरे इस प्रदर्शन के लिए मेरे माता-पिता का आशीर्वाद और कोच की कड़ी मेहनत है। उन्होंने कहा कि मेरे पिता एक किसान है और वे 60 किलोमीटर का सफर तय कर हर रोज मेरे लिए दूध और घी लेकर आते थे। नवीन मलिक ने कहा कि अब आगामी वर्ल्ड चैंपियनशिप और ओलंपिक में पदक जीतना उनका सपना है, जिसके लिए वे कड़ी मेहनत करेंगे।
नवीन को पहलवान बनाने के लिए परिजनों ने किया संघर्ष
नवीन मलिक के कोच कुलदीप सिंह ने बताया कि नवीन मलिक की इस उपलब्धि का श्रेय उसकी कड़ी मेहनत को जाता है। वह हर रोज लगभग 5 से 6 घंटे मेट पर पसीना बहाता है और उसकी मेहनत के चलते ही उसने इतनी छोटी उम्र में राष्ट्रमंडल खेलों में गोल्ड मेडल जीता है। उन्होंने कहा कि नवीन को एक अच्छा पहलवान बनाने के लिए इसके परिवार का भी बड़ा संघर्ष रहा है।
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