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रत्नावली समारोह में 3 हजार से अधिक कलाकार 31 विधाओं में देंगे सांस्कृतिक प्रस्तुती

Admin Delhi 1
9 Sep 2022 12:56 PM GMT
रत्नावली समारोह में 3 हजार से अधिक कलाकार 31 विधाओं में देंगे सांस्कृतिक प्रस्तुती
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कुरुक्षेत्र न्यूज़: कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के युवा एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम विभाग द्वारा आयोजित रत्नावली समारोह 28 से 31 अक्टूबर को आयोजित किया जाएगा। यह घोषणा कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. सोमनाथ सचदेवा ने की। इस समारोह में हरियाणा के सभी विश्वविद्यालयों के 3 हजार से अधिक कलाकार अपनी सांस्कृतिक प्रस्तुतियां देंगे। यह जानकारी लोक सम्पर्क विभाग के उप-निदेशक डॉ. दीपक राय बब्बर ने दी। डॉ. दीपक राय ने बताया कि आजादी के अमृत महोत्सव के अवसर पर रत्नावली समारोह विशेष आकर्षण का केंद्र बनेगा। कुवि के युवा एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम विभाग के निदेशक डॉ. महासिंह पूनिया ने बताया कि कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. सोमनाथ सचदेवा ने रत्नावली समारोह आयोजित करने के लिए संस्तुति प्रदान की है।

उन्होंने कहा कि रत्नावली समारोह में हरियाणवी लोक नृत्य, ऑरकेस्ट्रा, लघु हास्य नाटिका, हरियाणवी नाटक, हरियाणवी गजल, लोकगीत, भजन, रागिनी, लोकविनोद, एकल वाद्य, हरियाणवी भाषण, चित्रकला, हरियाणवी लोक परिधान, एकल नृत्य महिला एवं पुरुष, सामुहिक लोकगीत गायन, हरियाणवी कविता, सांग, चौपाल, रसिया नृत्य, हरियाणवी प्रश्नोत्तरी, हरियाणवी लोकजीवन पर आधारित प्रश्नोत्तर, पगड़ी बंधाई, रीति-रिवाज, हरियाणवी कोरियोग्राफी आदि अनेक विद्याओं का आयोजन किा जाएगा। उन्होंने बताया कि रत्नावली समारोह में हरियाणा के सभी विश्वविद्यालयों के कलाकारों को निमंत्रण भेजे जा रहे हैं ताकि रत्नावली समारोह की भव्यता सांस्कृतिक प्रस्तुतियों के माध्यम से और अधिक बढ़ सके। उन्होंने बताया कि 31 विधाओं में हरियाणा के कलाकार अपनी सांस्कृतिक प्रस्तुतियां देंगे। इसके साथ ही हरियाणा की हस्तकला प्रदर्शनी, चित्रकला प्रदर्शनी समारोह में विशेष आकर्षण का केन्द्र बनेगी।

रत्नावली में लूर नृत्य होगा विशेष आकर्षण का केन्द्र: रत्नावली समारोह में हरियाणा के लूर नृत्य की प्रस्तुति विशेष आकर्षण का केंद्र बनेगी। उल्लेखनीय है कि हरियाणा के महामहिम राज्यपाल एवं कुलपति प्रो. सोमनाथ सचदेवा लूर नृत्य का ब्रोशर पहले ही जारी कर चुके हैं। लूर नृत्य हरियाणवी लोक जीवन का महत्वपूर्ण हिस्सा रहा है। वर्तमान में यह लुप्तप्राय हो चला है। विभाग की ओर से कार्यशाला का आयोजन कर लूर नृत्य को जीवंत किया जाएगा और उसके पश्चात युवा उत्सव समारोहों में शामिल कर इसको फिर से पुनर्जीवित किया जाएगा।

रत्नावली छात्रों की टीम संभालेगी रत्नावली की कमान: युवा एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम विभाग के निदेशक डॉ. महासिंह पूनिया ने बताया कि रत्नावली समारोह छात्रों के लिए कार्यशाला है। रत्नावली के आयोजन हेतु विश्वविद्यालय के सभी विभागों से इच्छुक छात्र-छात्राओं को रत्नावली टीम का हिस्सा बनने के लिए सूचना जारी की गई है। रत्नावली छात्र-छात्राओं की टीम ही रत्नावली के आयोजन की पूरी कमान संभालेगी।

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