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मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में हरियाणा कैबिनेट की मीटिंग में लिए गए कई फैसले, जानिए पूरी खबर

Admin Delhi 1
1 Sep 2022 1:24 PM GMT
मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में हरियाणा कैबिनेट की मीटिंग में लिए गए कई फैसले, जानिए पूरी खबर
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चंडीगढ़ न्यूज़: हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में हरियाणा उद्यम प्रोत्साहन नियम, 2016 में संशोधन को स्वीकृति प्रदान की। राज्य सरकार ने हरियाणा उद्यम संवर्धन अधिनियम, 2016 और संबंधित नियमों को अधिनियमित किया है ताकि राज्य में एक ऐसा पारिस्थितिकी तंत्र सृजित किया जा सके जो कारोबार करने की सहुलियत से मेल खाता हो और साथ ही व्यवसाय करने में होने वाली देरी के साथ-साथ लागत को कम करने के लिए श्रेष्ठ वैश्विक मानकों से भी बेहतर हो। हरियाणा उद्यम संवर्धन बोर्ड (एचईपीबी) का गठन हरियाणा उद्यम संवर्धन अधिनियम, 2016 की धारा 3 के तहत किया गया है और उक्त अधिनियम की धारा 4 के तहत अधिकार प्राप्त कार्यकारी समिति (ईईसी) का गठन किया गया है। अधिकार प्राप्त कार्यकारी समिति (ईईसी) में मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव समिति के अध्यक्ष हैं। उद्योग एवं वाणिज्य विभाग के प्रशासनिक सचिव समिति के सदस्य-सह-मुख्य कार्यकारी अधिकारी हैं। नगर एवं ग्राम आयोजना, पर्यावरण, वन, लोक निर्माण (भवन एवं सड़कें), वित्त, जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी, बिजली, शहरी स्थानीय निकाय, श्रम, एचएसआईआईडीसी के महानिदेशक या उद्योग एवं वाणिज्य विभागों के प्रशासनिक सचिव समिति के निदेशक सदस्य हैं।

अधिकार प्राप्त कार्यकारी समिति (ईईसी) की प्रमुख भूमिका सरकार की विभिन्न योजनाओं / नीतियों के तहत प्रोत्साहन / विशेष पैकेज के मामलों की जांच करना और हरियाणा उद्यम संवर्धन बोर्ड को इसकी सिफारिश करना है। अधिकार प्राप्त कार्यकारी समिति (ईईसी) आगे जीएसटी की प्रतिपूर्ति सहित विशेष पैकेज के लिए मामलों का अनुमोदन एवं सिफारिश करती है। हालांकि, आबकारी एवं कराधान विभाग के प्रशासनिक सचिव अधिकार प्राप्त कार्यकारी समिति (ईईसी) के सदस्य नहीं हैं। आबकारी एवं कराधान विभाग के प्रशासनिक सचिव को अधिकार प्राप्त कार्यकारी समिति (ईईसी) के सदस्य के रूप में शामिल करने के लिए हरियाणा उद्यम संवर्धन नियम, 2016 के नियम 4 (1) में संशोधन की आवश्यकता थी।

पूर्व भूमि मालिकों को बढ़े हुए मुआवजे का भुगतान: मंत्रिमंडल की बैठक में हरियाणा राज्य औद्योगिक और बुनियादी ढांचा विकास निगम लिमिटेड ( एचएसआईआईडीसी ) को पूर्व भूमि मालिकों को बढ़े हुए मुआवजे का भुगतान करने और हरियाणा राज्य में औद्योगिक संपदाओं में बुनियादी सुविधाओं के विकास करने और भूमि अधिग्रहण हेतू 500 करोड़ रुपये की नकद ऋण/वर्किंग केपिटल की स्वीकृति प्रदान की है। वित्त विभाग एसबीआई को भूमि अधिग्रहण, बुनियादी सुविधाओं के विकास तथा पूर्व भूमि मालिकों को भूमि मुआवजे का भुगतान 2 प्रतिशत सरकारी गारंटी शुल्क चार्ज के साथ 10 साल की अवधि के लिए छ: प्रतिशत वार्षिक की दर से 500 करोड़ रुपये की नकद ऋण/वर्किंग केपिटल प्राप्त करने के लिए राज्य सरकार की ओर से गारंटी देने पर सहमत है।

एचपीएससी करेगा पोस्ट ग्रेजुएट टीचर ग्रुप-बी विभिन्न पदों के लिए भर्ती प्रक्रिया का संचालन: मंत्रिमंडल की बैठक में हरियाणा लोक सेवा आयोग (कार्यों की सीमा) विनियम, 1973 में संशोधन के लिए एक्स-पोस्ट ( घटनोत्तर ) स्वीकृति प्रदान की। इस संशोधन के अनुसार हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग के बजाय एचपीएससी को पोस्ट ग्रेजुएट टीचर ग्रुप-बी विभिन्न पदों के लिए भर्ती प्रक्रिया का संचालन करने के लिए अनिवार्य किया गया है। अन्य सभी ग्रुप-बी पदों के लिए भर्ती प्रक्रिया एचपीएससी द्वारा आयोजित की जा रही है।

हरियाणा खादी एवं ग्रामोद्योग बोर्ड का वार्षिक लेखा विधानसभा के पटल पर रखने की स्वीकृति: बैठक में हरियाणा खादी एवं ग्रामोद्योग बोर्ड की वर्ष 2017-18 के वार्षिक लेखे राज्य विधानसभा के पटल पर रखने की स्वीकृति प्रदान की। हरियाणा खादी और ग्रामोद्योग बोर्ड के वार्षिक लेखा परीक्षित खातों को भारत के नियंत्रक-महालेखापरीक्षक (कर्तव्यों, शक्तियों और सेवा की शर्तों) अधिनियम, 1971 की धारा 19ए (3) में निहित प्रावधानों के अनुसार राज्य विधानमंडल के समक्ष रखा जाना आवश्यक है। भारत के नियंत्रक-महालेखा परीक्षक की (कर्तव्य, शक्तियां और सेवा की शर्तें) अधिनियम, 1971 की धारा 19(3), जो कि 1984 में संशोधित किया गया के अनुसार हरियाणा खादी और ग्रामोद्योग बोर्ड की वर्ष 2017-18 वार्षिक आडिट, महानियंत्रक (लेखा) हरियाणा द्वारा किया गया है।

गौरतलब है कि हरियाणा खादी और ग्रामोद्योग बोर्ड 1 फरवरी, 1969 को समग्र पंजाब खादी और ग्रामोद्योग बोर्ड के विभाजन के परिणामस्वरूप अस्तित्व में आया था। यह एक गैर-लाभकारी सेवा संगठन है। यह बोर्ड अपनी योजनाओं / गतिविधियों के लिए खादी और ग्रामोद्योग आयोग तथा राज्य सरकार के माध्यम से केंद्र सरकार से धन प्राप्त करता है। मंत्रिमंडल ने वैधानिक निकायों के खातों के ऐसे विवरणों को स्वीकृति देने के लिए अधिकार प्राप्त कैबिनेट उप-समिति अधिकृत करने का भी निर्णय लिया, जिन्हें हरियाणा विधान सभा के समक्ष रखने की आवश्यकता है।

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