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फरीदाबाद। बारिश के बाद अब जिले में मलेरिया ने दस्तक दे दी है। जहां कोरोना के मामले कम हो रहे हैं वहीं अब मलेरिया शहर के लिए नई मुसीबत बनकर आ रहा है। इसे देखते हुए विभाग के अधिकारी हालांकि सतर्क हैं लेकिन जलभराव और कीटनाशक का छिड़काव और फोगिंग अब जरूरी हो गई है। शनिवार को जिले में स्वास्थ्य विभाग ने मलेरिया के एक मरीज पुष्टि कर दी है। बल्लभगढ़ क्षेत्र में मिले इस सीजन के पहले मरीज को देखते हुए विभाग ने भी इस क्षेत्र में एंटी लार्वा एक्टीविटी शुरू कर दी है।
वहीं हर घर में इन दिनों वायरल फीवर के मरीज मिलना शुरू हो गए है। बारिश की वजह से बल्लभगढ़, ग्रेटर फरीदाबाद और एनआईटी क्षेत्रों और सेक्टरों में सभी जगह बारिश का पानी भरा होने से अब मच्छर पनपन रहे हैं। जिसके चलते वायरल फीवर का मरीज हर घर में है। हर दूसरे घर में लोग बुखार से तप रहे हैं। इसके बीच मलेरिया निकलना लाजमी है। लेकिन साथ ही जलजनित बीमारियां का खतरा भी बढ़ गया है। जबकि पहले साल जुलाई महीने के पहले सप्ताह में ही मलेरिया की स्वास्थ्य विभाग ने पुष्टी की थी।
लेकिन इस बार जुलाई महीने के अंत में मलेरिया का पहला मरीज सामने आया है। स्वास्थ्य विभाग के अनुसार यह मरीज बल्लभगढ़ क्षेत्र से मिला है और एक निजी अस्पताल में इसका इलाज चल रहा है। फि लहाल मरीज की हालत में सुधार है। स्वास्थ्य विभाग ने मरीज के आस-पास के घरों में एंटीलार्वा एक्टिविटी चलाकर लार्वा की जांच भी की है। डॉ रामभगत के अनुसार एक जगह पर 7 दिन तक पानी जमा रहता है, तो उसमें मलेरिया व डेंगू का मच्छर पैदा हो सकता है।
एंटीलार्वा गतिविधि बढ़ाएंगे
डिप्टी सिविल सर्जन डॉ. रामभगत ने बताया कि बारिशों के मौसम को देखते हुए हमने एंटी लार्वा एक्टिविटी बढ़ दी हैं। स्वास्थ्य कर्मी अलग-अलग क्षेत्रों में जाकर लार्वा की पहचान कर रहे हैं। साथ ही उसे नष्ट करने के तरीकों की जानकारी लोगों को दे रहे हैं। अभी तक जिले में 400 लोगों को लार्वा मिलने के चलते नोटिस भी जारी किया जा चुका है। डॉ. रामभगत ने बताया कि मलेरिया का जो मरीज मिला है, वह ठीक है।
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