गुडगाँव न्यूज़: गुरुग्राम ट्रैफिक पुलिस ने एक एंबुलेंस के लिए 12 किलोमीटर का ग्रीन कॉरिडोर बनाया. इसके जरिए नागपुर से हवाई मार्ग से लाए गए फेफड़े को आईजीआई एयरपोर्ट से गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल तक पहुंचाया गया. तय समय से पहले अस्पताल तक फेफड़ा पहुंचाकर मरीज को जीवनदान दिया गया.
डीसीपी (ट्रैफिक) वीरेंद्र विज ने बताया कि गुरुग्राम-दिल्ली सीमा से मेदांता अस्पताल सेक्टर-38 तक दूरी तय करने के लिए 15 से 20 मिनट लग जाते हैं, लेकिन ग्रीन कॉरिडोर की मदद से फेफड़े को महज छह मिनट में एंबुलेंस से अस्पताल पहुंचाया गया. ग्रीन कॉरिडोर पर सुबह 909 बजे चली एंबुलेंस 915 बजे अस्पताल पहुंच गई. ऑर्गन ट्रांसप्लांट के लिए समय सीमा अक्सर सात से आठ घंटे तक सीमित होती है. उन्होंने कहा कि गुरुग्राम ट्रैफिक पुलिस ने दिल्ली पुलिस के साथ समन्वय कर फेफड़ा समय पर पहुंचाकर मरीज को जीवनदान देने में मदद की. डॉक्टरों ने बताया कि शरीर से निकलने के बाद आठ घंटे तक फेफड़ा काम करता है.
अंगदान के लिए कॉरिडोर जरूरी
ग्रीन कॉरिडोर एक विशेष मार्ग है, जो एक अस्पताल से दूसरे अस्पताल में अंगों का सुरक्षित और त्वरित स्थानांतरण सुनिश्चित करता है. यह एंबुलेंस के लिए एक विशेष मार्ग का सीमांकन करता है.
आठ घंटे से पहले ट्रांसप्लांट जरूरी
नागरपुर से लाए गए इस फेफड़े को आठ घंटे से पहले ही मेदांता अस्पताल में पहुंचाया गया. डॉक्टरों के मुताबिक शरीर से निकलने के बाद आठ घंटे तक फेफड़ा काम करता है. इसके बाद काम करना बंद कर देता है.