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रेवाड़ी : लंपी संक्रमण का खतरा राजस्थान, गुजरात, हरियाणा सहित देश के एक दर्जन से ज्यादा राज्यों में फैल चुका है। हजारों की संख्या में गोवंश लंपी संक्रमण की चपेट में आ चुके हैं। रेवाड़ी जिला राजस्थान की सीमा से सटा हुआ होने के कारण वहां से आने वाले गौवंशों द्वारा रेवाड़ी में भी लंपी संक्रमण फैल चुका है। रेवाड़ी जिले में अब तक लंपी संक्रमण से 329 पशु प्रभावित हुए हैं जिनमें से 20 गौवंशों की मौत हो चुकी है।
पशुचिकित्सा के अनुसार 18 गोवंश घरों में व दो गौशालाओं में संक्रमण की वजह से दम तोड़ चुके हैं। लंपी संक्रमण से बचाव के लिए पशुपालन विभाग द्वारा वैक्सीनेशन अभियान चलाया हुआ है और अब तक 4000 से ज्यादा पशुओं को लंपी रोधी टीका लगाया जा चुका है अब स्थिति खतरे से बाहर बताई जा रही है।
पशु चिकित्सर डॉ राजबीर यादव ने बताया कि पशुपालकों को कैंप लगाकर जागरुक किया जा रहा है। पशुपालकों को बताया जा रहा है कि पशु को नहलाते समय नीम की पत्ती व लाल दवा मिला पानी ही प्रयोग करें, ताकि इस संक्रमण को फैलने से रोका जा सके। उन्होंने बताया कि इस बीमारी के होने पर पहले गोवंश को मोटी मोटी गांठे शरीर पर उभरने लगती है उसके बाद कुछ समय बाद उन्हें हल्का बुखार आता है और जब यह रोग पूरी तरह से पशु को अपनी चपेट में ले लेता है उस वक्त पशु लंगड़ा कर चलने लगता है और कुछ समय बाद इलाज ना मिलने पर वह दम तोड़ देता है। डॉ राजबीर यादव ने बताया की लंपी संक्रमित पशुओं द्वारा दिए जाने वाले दूध से यह संक्रमण नहीं फैलता, लेकिन एहतियात के तौर पर ऐसे पशुओं का दूध कच्चा इस्तेमाल करने की बजाय उसे ठीक से पका कर प्रयोग करना चाहिए। पशु चिकित्सकों के अनुसार जिले में शत प्रतिशत वैक्सीनेशन अभियान कंप्लीट कर लिया गया है यदि कोई शिकायत मिलती है तो डॉक्टरों की टीम तुरंत पहुंच कर पीड़ित पशुओं को इलाज दिया जाता है।
सोर्स- punjab kesari
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