हरियाणा

बंगाल की खाड़ी में कम दबाव का क्षेत्र, आज हरियाणा में फिर झमाझम बारिश के आसार

Renuka Sahu
10 July 2022 2:06 AM GMT
बंगाल की खाड़ी में बने कम दबाव क्षेत्र के आगे बढ़ने व टर्फ रेखा के उत्तर में स्थित होने के कारण शनिवार को हरियाणा के ज्यादातर जिलों हल्की से मध्यम बारिश हुई।

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। बंगाल की खाड़ी में बने कम दबाव क्षेत्र के आगे बढ़ने व टर्फ रेखा के उत्तर में स्थित होने के कारण शनिवार को हरियाणा के ज्यादातर जिलों हल्की से मध्यम बारिश हुई। रविवार को भी प्रदेश में बारिश की गतिविधियां जारी रहेंगी। उत्तरी जिलों में अच्छी बारिश की संभावना है।

मौसम विशेषज्ञ डॉ. चंद्रमोहन ने बताया कि बंगाल की खाड़ी में बना कम दबाव का क्षेत्र धीरे धीरे आगे बढ़ रहा है और टर्फ रेखा भी वर्तमान में उत्तर में स्थित है। इस वजह से उत्तर भारत के मैदानी राज्यों में राजस्थान, पंजाब, हरियाणा, एनसीआर व दिल्ली में मानसून एक बार फिर से सक्रिय हो गया है।
शनिवार अलसुबह से ही पश्चिमी उत्तर प्रदेश और उत्तर पर्वतीय राज्यों में अच्छी बारिश की गतिविधियां शुरू हो गईं। इसके प्रभाव से हरियाणा में भी अंबाला, यमुनानगर, पंचकूला, जींद, करनाल, कुरुक्षेत्र, कैथल, जींद, हिसार, फतेहाबाद, सिरसा, भिवानी, महेंद्रगढ़, चरखी दादरी, रोहतक, रेवाड़ी जिले में अनेक स्थानों पर हल्की से मध्यम श्रेणी की बारिश हुई।
पिछले कुछ दिनों से मानसून की जबरदस्त गतिविधियां मध्य व दक्षिण राजस्थान, गुजरात, मध्यप्रदेश और पाकिस्तान पर हो रहीं थी। मगर अब पंजाब, हरियाणा, उत्तरप्रदेश व उत्तर राजस्थान में बारिश की गतिविधियां देखने को मिलेगी। शनिवार को हरियाणा, एनसीआर व दिल्ली में अधिकतम तापमान 31.0 से 41.0 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।
हिसार में अधिकतम तापमान सबसे अधिक 41 डिग्री सेल्सियस जबकि पंचकूला में अधिकतम तापमान सबसे कम 30.8 डिग्री सेल्सियस रहा। वहीं, प्रदेश में सबसे अधिक बारिश पंचकूला में 31.2 एमएम और नारनौल में 20 एमएम दर्ज की गई।
आगे ऐसा रहेगा मौसम
मौसम विशेषज्ञ डॉ. चंद्रमोहन ने बताया कि हरियाणा, एनसीआर व दिल्ली में 10 जुलाई को अच्छी बारिश होने की संभावना है। साथ ही साथ लगातार एक या दो दिन के अंतराल के बाद आगे भी बारिश जारी रहने की संभावनाएं बन रही हैं। इससे राजस्थान, पंजाब, हरियाणा, एनसीआर व दिल्ली में मानसून लय में रहेगा।
क्योंकि बंगाल की खाड़ी में लगातार एक के बाद एक लो प्रेशर एरिया बनेंगे। इस दौरान मानसून की टर्फ रेखा जैसे ही उत्तर में स्थित होगी, तब उत्तरी मैदानी राज्यों में अच्छी बारिश देखने को मिलेगी। इसके अलावा वर्तमान समय में सिंध, कच्छ व दक्षिण-पश्चिमी राजस्थान पर एक चक्रवातीय परिसंचरण का क्षेत्र बना हुआ है। इन सब प्रणालियों के कारण मौसम में बड़ा बदलाव हो रहा है।
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