प्रधान पद के लिए लॉबिंग शुरू, मतदाताओं से निरंतर कर रहे हैं संपर्क
हरयाणा न्यूज़: बेशक नगरपालिका चुनाव के लिए अभी तक तारीख तय नहीं हुई है। मगर दो दर्जन संभावित उम्मीदवार मैदान में कूद चुके हैं। इन सभी दावेदारों ने अपनी तैयारियां शुरू कर दी हैं। नगरपालिका का कार्यकाल मध्य अक्टूबर में समाप्त होने जा रहा है। इसी वजह से पंचायती चुनाव के तुरंत पश्चात स्थानीय निकायों के चुनाव की सरकारी घोषणा की संभावना जताई जा रही है।
नपा प्रधान पद की दौड़ में उतरे सभी प्रत्याशी भाजपा, कांग्रेस, आप, बसपा, इनेलो पार्टियों का टिकट पाने के लिए अभी से लाबिंग करने में जुट गए हैं। हालांकि भाजपा की टिकट पाने की अधिकांश उम्मीदवारों में सर्वोच्च प्राथमिकता है जिसके चलते टिकट पर मची खींचतान और गुटबाजी का फायदा उठाकर कांग्रेस भी पार्टी चुनाव चह्नि पर अपने दावेदार मैदान में उतारने के मूड में दिखाई दे रही है। पहली बार आम आदमी पार्टी भी नगरपालिका के इस चुनाव में अपना प्रत्याशी उतार भाग्य आजमाने का मन बना चुकी है। अब तक लगभग 2 दर्जन से अधिक लोग प्रधान पद के लिए अपनी दावेदारी ठोक चुके हैं ।इनमें अधिकांश सत्ता का सुख भोगने वाले वर्तमान के साथ पराजित सदस्य शामिल हैं। जबकि कुछ प्रॉपर्टी डीलर, समाज सेवक, पार्टी कार्यकर्ता व पत्रकार भी इस दौड़ में शामिल हैं। उल्लेखनीय है कि 50000 की आबादी वाले कई किलोमीटर में फैले नगरपालिका बराड़ा के 15 वार्डों के लगभग 23000 वोटर नई प्रधानगी का रास्ता साफ करेंगे । संभावित प्रत्याशी नुक्कड़ सभा, बिरादरी की बैठक, धार्मिक सामाजिक व निजी समारोह तथा कॉकटेल पार्टी के साथ-साथ समस्याओं को उठाकर लोगों की नजरों में आने का प्रयास कर रहे हैं।
कस्बा की नई नगर पालिका का गठन वर्ष 2015 में प्रथम बार हुआ था। विभागीय सूत्रों के अनुसार जिसके चलते सरकार ने प्लान व नॉन प्लान मद् तथा ढांचागत नर्मिाण ,स्वच्छता अभियान, डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन, गलियों, नालों ,बिजली ,सीवरेज आदि की व्यवस्था के लिए 5 वर्षों में लगभग 50 करोड रुपए करोड़ों की बजट राशि का आवंटन किया। शहर में चर्चा के अनुसार इस करोड़ों रुपए के विकास कार्यों में ठेकेदार, अधिकारियों तथा सत्ता पक्ष के लोगों का नापाक गठजोड़ तथा भारी-भरकम कटमनी के चलते समय समय पर विपक्षी दलों , भ्रष्टाचार तथा घटिया सामग्री आदि के आरोप लगाकर ,विजिलेंस विभाग से जांच करवाने की मांग बराबर की जाती रही है। यहां तक कि एक बार तो तत्कालीन नपा प्रशासक एसडीएम ने भ्रष्टाचार की शिकायतों के मद्देनजर टेलीफोन नंबर सार्वजनिक कर शिकायत देने की सूचना के लिए आमजन को आह्वान भी किया था ।