न्यूज़क्रेडिट:आजतक
Cheerag Scheme: हरियाणा में सरकारी स्कूलों के आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ईडब्ल्यूएस) के छात्रों को 'बजट' प्राइवेट स्कूलों में 'मुफ्त शिक्षा' देने के लिए चिराग योजना शुरू की गई है. इसे लेकर वरिष्ठ राजनेताओं और शिक्षक निकायों ने सरकार की योजना पर सवाल भी उठाए हैं. यह योजना क्या है और इसका लाभ किस प्रकार मिलेगा, इसकी पूरी जानकारी यहां देखें.
क्या है चिराग योजना
हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर की सरकार ने हाल ही में 'मुख्यमंत्री समान शिक्षा राहत, सहायता और अनुदान (चिराग)' योजना शुरू की है. इसे 2007 में हरियाणा स्कूल शिक्षा नियम, 2003 के नियम 134ए के तहत शुरू किया गया था. इस योजना के तहत सरकारी स्कूल के छात्र जिनके माता-पिता की वार्षिक आय 1.8 लाख रुपये से कम है, वे कक्षा 2 से कक्षा 12 तक प्राइवेट स्कूलों में दाखिला ले सकते हैं. सरकार दूसरी से पांचवीं कक्षा तक प्रति छात्र 700 रुपये, कक्षा छठी से आठवीं तक प्रति छात्र 900 रुपये और नौवीं से बारहवीं कक्षा तक प्रति छात्र 1,100 रुपये की प्रतिपूर्ति करेगी.
इतने स्टूडेंट्स ले रहे हैं लाभ
कम से कम 533 'बजट' प्राइवेट स्कूलों, ज्यादातर गांवों और छोटे शहरों में चिराग योजना के तहत ईडब्ल्यूएस छात्रों को सीट देने के लिए आवेदन किया है. हालांकि, अधिकारियों ने विभिन्न तकनीकी कारणों से केवल 381 स्कूलों को ही योग्य पाया. इन 381 निजी स्कूलों ने सरकारी स्कूलों के ईडब्ल्यूएस छात्रों के लिए 24,987 सीटों की पेशकश की है. हालांकि, केवल 1,665 छात्रों ने इस योजना को चुनना पसंद किया है, जो कुल प्रस्तावित सीटों का सिर्फ 6.66 प्रतिशत है.
आवेदन की समय सीमा खत्म
चिराग योजना के तहत एडमिशन पाने के लिए आवेदन करने की लास्ट डेट 21 जुलाई थी. पहले यह डेट 08 जुलाई थी मगर उम्मीदवारों की कम संख्या को देखते हुए लास्ट डेट को आगे बढ़ा दिया गया था.
सोशल मीडिया पर उठा था विवाद
ट्विटर पर व्यापक रूप से एक वीडियो क्लिप शेयर किया गया था जिसमें एक महिला हरियाणा की योजना का जिक्र करते हुए कहती है, "अगर कोई छात्र सरकारी स्कूल जाता है, तो उसे 500 रुपये मासिक देना होगा, वहीं अगर छात्र निजी स्कूल का विकल्प चुनता है तो सरकार उसे 1,100 रुपये मासिक देती है.'
आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह और हरियाणा कांग्रेस विधायक किरण चौधरी समेत विपक्ष के कई वरिष्ठ नेताओं ने वीडियो क्लिपिंग का हवाला देते हुए बीजेपी-जजपा सरकार की मंशा पर सवाल उठाए हैं. अधिकारियों का यह भी दावा है कि चिराग योजना केवल कुछ वर्षों के लिए है, जब तक कि शिक्षा का अधिकार (RTI) अधिनियम के तहत कोई योजना इसे बदल नहीं देती.
आरटीई अधिनियम में ईडब्ल्यूएस परिवारों और अनुसूचित जातियों के लिए कक्षा I से VIII के लिए बिना किसी खर्च के निजी स्कूलों की संख्या का 25 प्रतिशत तक प्रवेश प्रदान करने का प्रावधान है. आरटीआई एक्ट के तहत निजी स्कूलों में मुफ्त शिक्षा की राहत पाने के लिए केवल कक्षा 1 में ही प्रवेश दिया जा सकता है.