हरियाणा

KCC Bank: कमेटी ने ही आवेदन खारिज करने वाली मंजूर किया था 19.50 करोड़ रुपये का लोन

Deepa Sahu
3 Jan 2022 10:59 AM GMT
KCC Bank: कमेटी ने ही आवेदन खारिज करने वाली मंजूर किया था 19.50 करोड़ रुपये का लोन
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कांगड़ा केंद्रीय सहकारी बैंक (केसीसीबी) में साल 2014 में ऊना की एक यूआर सिंटर प्राइवेट लिमिटेड फर्म को दिए गए.

हरियाणा: कांगड़ा केंद्रीय सहकारी बैंक (केसीसीबी) में साल 2014 में ऊना की एक यूआर सिंटर प्राइवेट लिमिटेड फर्म को दिए गए, 19.50 करोड़ के लोन को जारी करने वाली लोन कमेटी के खिलाफ दर्ज मामले की जांच में अब परतें खुलने लगी हैं। ब्यूरो की जांच में पता चला है कि जिस कमेटी ने पहले नियमों के आधार पर लोन के आवेदन को खारिज कर दिया, उसी कमेटी ने दो महीने के भीतर दोबारा दाखिल किए गए आवेदन पर लोन मंजूर किया था। लोन मंजूर करते समय लोन कमेटी ने न तो नियमों को देखा और न ही अपने ही जारी किए आदेशों की चिंता की।

जानकारी के अनुसार फर्म के चार निदेशकों भुवनेश उप्पल, शिवम सेठ, प्रदीप जम्वाल और चेतन नेगी की ओर से फरवरी 2014 में ग्रास कटिंग मशीन बनाने की इकाई लगाने के लिए 19.50 करोड़ के लोन के लिए आवेदन किया गया। तत्कालीन एमडी राखिल कहलो व लोन कमेटी के सदस्यों करनैल सिंह राणा, लेख राज कंवर, योग राज और प्रकाश चंद राणा ने आवेदन को यह कहते हुए खारिज कर दिया कि फर्म के ज्यादातर प्रमोटर पंजाब से हैं और जो संपत्तियां वह गिरवी रखना चाह रहे हैं वह भी हिमाचल प्रदेश से बाहर स्थित हैं। इस निर्णय के बाद लोन कमेटी के निर्देश पर एक ऑफिस सर्कुलर जारी किया गया जिसमें साफ तौर पर कहा गया कि जिस प्रस्ताव में ज्यादातर प्रमोटर राज्य से बाहर के हों और उनकी संपत्तियां बाहर हों, उन प्रस्तावों को लोन कमेटी को भेजा ही न जाए।
लेकिन इस ऑफिस सर्कुलर को जारी करने के महज दो महीने के बाद ही इसी कमेटी ने यूआर सिंटर प्राइवेट लिमिटेड फर्म को लोन मंजूर कर दिया। जांच एजेंसी इस बात की भी तफ्तीश कर रही है कि नियमों को नजरंदाज कर मंजूर किए गए इस लोन को देने की एवज में कितने पैसों का लेनदेन हुआ। उल्लेखनीय है कि ब्यूरो ने 10 दिसंबर को विजिलेंस के ऊना थाने में लोन कमेटी के सदस्यों और तत्कालीन एमडी के अलावा कुल 16 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है।
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