हरियाणा

युवा जोश के साथ राजस्थान की राजनीति में हुई JJP की एंट्री

Shantanu Roy
5 Aug 2022 5:55 PM GMT
युवा जोश के साथ राजस्थान की राजनीति में हुई JJP की एंट्री
x
बड़ी खबर

चंडीगढ़। हरियाणा के उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला अब राजस्थान की राजनीति में भी एंट्री कर चुके है। दुष्यंत चौटाला की जननायक जनता पार्टी ने अपने छात्र संगठन इनसो के जरिए राजस्थान की जमीन पर मजबूती से पैर रखे है। दुष्यंत चौटाला के छोटे भाई दिग्विजय सिंह चौटाला की देखरेख में राजस्थान की राजधानी जयपुर में इनसो ने अपने 20वें स्थापना दिवस पर 'रणघोष' किया। कार्यक्रम में युवाओं का जोश देखने लायक था। जयपुर में दुष्यंत-दिग्विजय चौटाला का युवाओं ने जोरदार स्वागत किया। कार्यक्रम में बी-प्राक, फाजिलपुरिया, अल्फाज जैसे कई जाने-माने कलाकारों ने प्रस्तुति पेश की। कार्यक्रम की शुरूआत में डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला, दिग्विजय चौटाला सहित सभी वरिष्ठ नेताओं ने जननायक चौधरी देवीलाल की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित कर उन्हें नमन किया।

हरियाणवी कलाकारों ने खूब समारोह में खूब बांधा समां
इनसो के 20वें स्थापना दिवस पर टैगोर ऑडिटोरियम में आयोजित रणघोष कार्यक्रम में बी-प्राक, फाजिलपुरिया, अल्फाज, राहुल फाजिलपुरिया सहित कई बड़े कलाकारों ने अपनी प्रस्तुति दी, जिस पर युवा जमकर झूमे। बी-प्राक ने तेरी मिट्टी में मिल जावा गाना गाकर युवाओं में देशभक्ति की भावना को और बढाया। कार्यक्रम के दौरान हरियाणा के उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला का युवाओं के बीच काफी क्रेज देखने को मिला। युवाओं में दुष्यंत से मिलने व उनसे हाथ मिलाने की होड़ लगी रही और अधिकतर युवा उनके साथ सेल्फी लेने को आतुर दिखाई दिए। उपमुख्यमंत्री ने भी युवाओं की इच्छा के अनुरूप उनके साथ सेल्फी खिंचवाई।
दुष्यंत-दिग्विजय के परदादा व पिता की कर्मभूमि हैं राजस्थान
दुष्यंत चौटाला और दिग्विजय चौटाला के परदादा चौधरी देवीलाल राजस्थान की सीकर लोकसभा सीट से सांसद बनकर ही देश के उपप्रधानमंत्री बने थे। वहीं उनके पिता अजय चौटाला की राजनीति की शुरुआत भी राजस्थान विधानसभा से ही हुई थी। जेजेपी राष्ट्रीय अध्यक्ष अजय चौटाला दातारामगढ़ और नोहर विधानसभा सीट से जनता पार्टी के विधायक रह चुके हैं। वे दातारामगढ़ में जनता पार्टी की टिकट से साल 1989 में पहली बार विधायक बने थे। इसके बाद विधानसभा चुनाव में अगले 5 साल के लिए नोहर विधानसभा क्षेत्र से विधायक चुने गए थे। ऐसे में दुष्यंत चौटाला और दिग्विजय चौटाला युवाओं और छात्रों में अच्छी पैठ के सहारे राजस्थान के रण को भेदने में कामयाब नजर आ रहे हैं।
Next Story